जनता सड़क, बिजली और पानी से आगे निकल गयी है

वीरेंद्र यादव न्‍यूज 
खगडि़या जिले के परबत्‍ता से जदयू के विधायक हैं डॉ संजीव कुमार। एमबीबीएस और पीजीडीएचएम डिग्रीधारी संजीव कुमार के पिता आरएन सिंह बिहार सरकार में कई बार मंत्री और विधायक रहे हैं। 2020 में जदयू ने पिता की जगह पुत्र डॉ संजीव को टिकट दिया और फिर वे विधान सभा पहुंच गये। वे भूमिहार जा‍ति से आते हैं, हालांकि वे कहते हैं कि राजनीतिे से जातिवाद खत्‍म होना चाहिए।
वीरेंद्र यादव न्‍यूज के साथ बातचीत में उन्‍होंने कहा कि मुम्‍बई‍ स्थि‍त सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज एंड केईएम हास्‍पीटल से एमबीबीएस, पीजीडीएचएम और पीएचडी की डिग्री ली। 2006 में डिग्री लेने के बाद उसी साल पटना में मैक्‍सलाइफ डायग्‍नोस्टिक्स एंड रिसर्च सेंटर की शुरुआत की। अपने इस पेशे के साथ लगातार राजनीति में सक्रिय रहे। पिता के राजनीति कार्यों में सहयोग करते रहे। इस कारण जनता से उनका जुड़ाव बना रहा। 2015 के विधान परिषद चुनाव (लोकल बॉडी) में जदयू ने खगडि़या-बेगूसराय निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्‍मीदवार बनाया था। इस चुनाव में वे भाजपा के रजनीश कुमार से पराजित हो गये। इसके बावजूद उनकी राजनीतिक सक्रियता बनी रही। 2020 में जदयू के टिकट पर विधान सभा के लिए चुने गये। वे विधान सभा की पर्यटन उद्योग संबंधी समिति के सदस्‍य हैं।
दो पीढि़यों की राजनीतिक यात्रा और जन अपेक्षाओं से जुड़े एक सवाल के जबाव में उन्‍होंने कहा कि जनता की अपेक्षा बदल गयी है। सड़क, बिजली और पानी से आगे लोग अब सोचने लगे हैं। सरकार ने बेहतर सड़क, नियमित बिजली और पानी की व्‍यवस्‍था गांव और टोलों तक कर दी है। इस कारण अब प्राथमिकता बदल गयी है। जनता अब बेहतर जीवन स्‍तर और रोजगार पर बल दे रही है। इसीलिए सरकार ने बेहतर और विश्‍वसनीय शासन व्‍यवस्‍था देने की कोशिश की है। जनता की समस्‍याओं के निवारण में तेजी पर बल दे रही है।
मेडिकल फिल्‍ड के साथ राजनीति में पदार्पण के संबंध में उन्‍होंने कहा कि राजनीति में सेवाभाव से आये हैं। युवाओं को बड़ी संख्‍या में राजनीति में आना चाहिए, तभी राजनीति की संस्‍कृति बदलेगी। बदलाव के वाहक भी युवा ही बनेंगे। लोगों में विकास की उम्‍मीद भी पैदा होगी। वे कहते हैं कि चिकित्‍सक के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं और सेवाओं की बेहतरी का प्रयास करेंगे। उनका मानना है कि राजनीतिक दलों को जाति के दायरे से ऊपर उठकर काबिलियत के आधार पर कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाना चाहिए। इससे राजनीति के प्रति आम लोगों का विश्‍वास बढ़ेगा और विकास की नयी अवधारणा भी पैदा होगी।






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