अजय सिंह की पीढ़ी बदल गयी, लेकिन भाषा नहीं

वीरेंद्र यादव.

मुंगेर जिले के जमालपुर से कांग्रेस के विधायक हैं अजय कुमार सिंह। भूमिहार हैं। कृषि को अपना मुख्‍य आधार मानने वाले अजय सिंह की डिग्री डॉक्‍टरेट तक की है। भागलपुर विश्‍‍वविद्यालय से एमएससी की डिग्री ली थी।
उनसे हमारी पहली मुलाकात विधान सभा के परिसर में हुई थी। वे रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह से भोजपुरी में बात कर रहे थे। हमने कहा कि जमालपुर के विधायक भोजपुरी में बोल रहे हैं। तब उन्‍होंने बताया कि उनके पूर्वज मूलत: गाजीपुर के रहने वाले थे और कई पीढ़ी पहले मुंगेर आ गये थे। रविवार को एक इंटरव्‍यू के सिलसिले में उनसे बातचीत हुई तो हमने अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए पूछ ही लिया कि आप भोजपुरिया कैसे हो गये। तब उन्‍होंने बताया कि उनके पूर्वज आजमगढ़ के रहने वाले थे। 1857 के कुछ साल बाद उनके परदादा या उनके पिता आजमगढ़ से गाजीपुर आ गये। कुछ साल बाद उनके परदादा लापता हो गये। अजय कुमार सिंह की दादी द्वारा बतायी गयी जानकारी के अनुसार, परदादा गाजीपुर से 8 दिनों की पैदल यात्रा के बाद मुंगेर पहुंच गये थे। वहीं पर बनैली राज की कचहरी में तहसीलदार की नौकरी कर ली। बाद के वर्षों में उनके काम से खुश होकर राजा ने करीब दो हजार बीघे की जमींदारी और एक कचहरी दे दी। इसके बाद उनके परदादा गाजीपुर लौटे। फिर और लोग गाजीपुर से मुंगेर आये। इस प्रकार दोनों इलाकों का आपसी संबंध बढ़ता गया। अजय सिंह की चार-पांच पीढ़ी मुंगेर में रह गयी, पीढि़यां बदल गयीं, लेकिन भोजपुरी भाषा से उनका लगाव और पहचान नहीं बदली है।
अपनी राजनीतिक यात्रा की चर्चा करते हुए उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस से उनका पीढि़यों का रिश्‍ता है। उन्‍होंने 1977 में खुद एनएसयूआई से राजनीति की शुरुआत की। कांग्रेस की छात्र, युवा और मुख्‍यधारा की राजनीति करते हुए संगठन में कई जिम्‍मेवारियों का निर्वाह किया। 2018 में कांग्रेस के जिलाध्‍यक्ष बने और 2020 में पार्टी ने टिकट दिया और‍ विधान सभा पहुंचे। विधान सभा में अपनी भूमिका की चर्चा करते हुए उनहोंने कहा कि बजट सत्र में 32 सवाल पूछे थे, लेकिन एक भी सवाल का उपयुक्‍त जवाब किसी मंत्री ने नहीं दिया। उन्‍होंने कहा कि सदन में आने के पूर्व मंत्री पूछे जाने वाले सवालों का जवाब भी नहीं पढ़ते हैं। विभागीय अधिकारी और कर्मचारी जो लिखकर देते हैं, मंत्री उसे पढ़ भर देते हैं। इसे यह भी कह सकते हैं कि मंत्री जवाब देते नहीं हैं, सिर्फ पढ़ते हैं। इसी कारण पूरक प्रश्‍नों पर मंत्रियों के पसीने छूटने लगते हैं।
वे कहते हैं कि महागठबंधन के एक महत्‍वपूर्ण घटक होने दल होने के नाते कांग्रेस अपनी भूमिका का पूरी ताकत से निर्वाह कर रही है। जनता के मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रही है। महंगाई के खिलाफ शनिवार को कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्‍होंने कहा कि एक विधायक के रूप में लगातार जनता की समस्‍याओं के समाधान का प्रयास कर रहे हैं। किसानों की समस्‍याओं की चर्चा करते हुए उन्‍होंने कहा कि किसानों के लिए अलग से डीजल पंप होना चाहिए, जहां किसानों को रियायती दर पर डीजल मिल सके।
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