सावधान उत्तर बिहार में फिर राक्षस बन रहा है चमकी बुखार, अब तक 22 बच्चों की हो चुकी है मौत

मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच में शन‍िवार की सुबह चमकी बुखार से पीड़ि‍त दो और बच्चों की मौत हो गई। वहीं, चार नए मरीजों को भी भर्ती किया गया है। इस मौसम में अब तक 22 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि, 40 भर्ती हुए हैं। मृतकों की पहचान भगवानपुर-वैशाली के चतुरी सहनी के पुत्र प्र‍िंस कुमार (7) और खरमा-श‍िवहर के शंकर राम की पुत्री चंदा (7) के रूप में हुई है। बीमारी के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य महकमे में बेचैनी बढ़ गई है। इससे पहले शुक्रवार को पीआइसीयू में भर्ती मीनापुर राघोपुर के जियालाल राम की पुत्री मधु कुमारी (4), कांटी बारमतपुर के राजा कुमार के पुत्र पवन कुमार (6), मोतिहारी मधुबन गरहिया के मोहन सहनी की पुत्री अन्नू कुमारी (4),शिवहर श्यामपुर सहबाजपुर के रामाशंकर साह की पुत्री चांदनी कुमारी (7) और पारू बड़ादाऊद के प्रमोद भगत के पुत्र सोनू कुमार (5) की मौत हो गई।
उत्तर बिहार में रहता इसका प्रभाव
नेपाल के तराई में आने वाले उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी व वैशाली में बीमारी का प्रभाव दिखता है। इस बार एसकेएमसीएच में जो मरीज आ रहे, वे मुजफ्फरपुर और आसपास के हैं।
शुक्रवार को पीआइसीयू में भर्ती मीनापुर राघोपुर के जियालाल राम की पुत्री मधु कुमारी (4), कांटी बारमतपुर के राजा कुमार के पुत्र पवन कुमार (6), मोतिहारी मधुबन गरहिया के मोहन सहनी की पुत्री अन्नू कुमारी (4),शिवहर श्यामपुर सहबाजपुर के रामाशंकर साह की पुत्री चांदनी कुमारी (7) और पारू बड़ादाऊद के प्रमोद भगत के पुत्र सोनू कुमार (5) की मौत हो गई।

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चांदनी एवं अन्नू की मौत आधे घंटे के अंदर हुई। जबकि पीआइसीयू में भर्ती सोनू ने शुक्रवार की देर शाम करीब 10 बजे दम तोड़ दिया। उसे शुक्रवार को ही भर्ती कराया गया था। इससे पीआइसीयू में भर्ती अन्य मरीजों के परिजन सहम गए हैं। एसकेएमसीएच की पीआइसीयू में शुक्रवार सुबह से चमकी बुखार के साथ अन्य शिकायत लेकर बच्चों के आने का क्रम देर रात तक जारी रहा। मोतीपुर कोदरकट्टा के विकास ठाकुर का पुत्र अंकुश कुमार (5), हथौड़ी बेरई के रविन्द्र कुमार की पुत्री नंदनी कुमारी(1.5), पारु कटारू के विगन राम के पुत्र ऋतिक कुमार (3) एवं मोतिहारी चकिया पैठनिया के प्रदीप साह की पुत्री छोटी कुमारी (4) के साथ पांच बच्चों को भर्ती किया गया है।
इन बच्चों के भर्ती होने के साथ ही पीआइसीयू कक्ष संख्या-1 एवं 2 के सभी बेड फुल हो चुके हैं।
कक्ष में ऑक्सीजन का प्वाइंट पड़ा कम
एसकेएमसीएच के पीआइसीयू में मरीजों की संख्या बढऩे के साथ बिस्तर से लेकर ऑक्सीजन के प्वाइंट कम पडऩे लगे हैं। इसके कारण ऑक्सीजन सिलेंडर कक्ष में उपलब्ध कराए गए हैं। हालांकि इस पर कर्मियों का ध्यान नहीं रहने से जब तब सिलेंडर खाली होने से परेशानी बढ़ जाती है। इसी कड़ी में एक बच्चे को खाली सिलेंडर लगा रहा। हालांकि तत्काल कक्ष परिचारिका की तत्परता से उसे देखते ही दूसरा सिलेंडर लगाया गया।
उत्तर बिहार में रहता इसका प्रभाव
नेपाल के तराई में आने वाले उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी व वैशाली में बीमारी का प्रभाव दिखता है। इस बार एसकेएमसीएच में जो मरीज आ रहे वह मुजफ्फरपुर और आसपास के मिल रहे हैं।
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