गोपालगंज की हर पंचायत में जन सहयोग से पुस्कालय खोलने की प्रशासन की सकारात्मक पहल

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गोपालगंज की हर पंचायत में जन सहयोग से पुस्कालय खोलने की जिला प्रशासन की सकारात्मक पहल।
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ज्ञान से समाज में शिक्षा,समृद्धि व सद्भाव की अलख जगाने की पहल

मनीष कुमार भारती
गोपालगंज। यह गोपालगंज जिला प्रशासन की बड़ी पहल है। इसका उद्देश्य भी उतना ही बड़ा है। यह अभियान है समाज में शिक्षा का अलख जगाने का। ज्ञान को फैला कर समाज को चिंता से चिंतन की ओर ले जाने का। सद्भाव व समृद्धि का समाज बनाने का। दरअसल जिले के डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने हर पंचायत में जन सहयोग से दान की पुस्तकों से पुस्तकालय सह चिंतन केन्द्र खोलने का संकल्प लिया है। ताकि ग्रामीण समाज के बच्चे,युवा व बुजुर्गों में अध्ययन व अध्यापन का माहौल बन सके। गरीब व साधनहीन युवा पुस्तकालय की किताबों से अपनी पढ़ाई व प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। बुजुर्गों के ज्ञान से रुबरु होकर गांव के बच्चे व युवा अपने करियर को बना सकें। पढ़े-लिखे ग्रामीण एक जगह जुट कर देश व समाज के सम-सामयिक विषयों पर बातचीत व चिंतन कर स्वस्थ जनमत तैयार कर सकें। हालांकि प्रयोग के तौर पर जिला मुख्यालय व जिले के सभी चौदह प्रखंड मुख्यालयों में पुस्तकालय खोले जा चुके हैं। इन पुस्तकालयों के लिए पुस्तक दान करने के लिए काफी संख्या में लोगों के आगे आने से जिला प्रशासन के हौसले बुलंद हैं। अब इसे पंचायत स्तर पर खोलने की योजना है। इस महीने के अंत डीएम की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों की बैठक होगी। जिसमें इस योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

दस हजार पुस्तकें मिलीं दान में

जिला व प्रखंड मुख्यालयों में खोले गए पुस्तकालयों के लिए अबतक 10 हजार पुस्तकें दान में मिली हैं। इसमें पाठ्य व प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की किताबों से लेकर रामायण,गीता,कुरान व नामी-गिरामी लेखकों की प्रेरक पुस्तकें शामिल हैं। जैसे-जैसे इस अभियान का लोगों को पता चल रहा है,वे पुस्तक दान करने के लिए आगे आ रहे हैं। पुस्तक दान करने वालों में विभिन्न विभागों के पूर्व पदाधिकारी,जिला प्रशासन के पदाधिकारी,देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत प्रशासनिक पदाधिकारी, बुद्धिजीवी व समाजसेवी शामिल हैं।
जिले के सत्तर मिडिल स्कूलों में संचालित है पुस्तकालय
जिले के सत्तर मिडिल स्कूलों में शिक्षा विभाग की ओर से पुस्तकालय संचालित हैं। जिससे बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। इन पुस्तकालयों के रख-रखाव की बेहतर व्यवस्था की गई है।
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पंचायतों में पुस्तकालय सह चिंतन केन्द्र खोलने के पीछे मुख्य उद्देश्य समाज को शिक्षा,सद्भाव व समृद्धि की ओर ले जाने का है। अगर समाज प्रबुद्ध होगा तो उसकी निश्चित रूप से तरक्की होगी। पुस्तकों के अध्ययन कर लोग ज्ञान का अदान-प्रदान करेंगे। सद्भाव का माहौल भी बनेगा। गांव के गरीब व साधनहीन बच्चों को पढ़ाई व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में पुस्तकों की उपलब्धता से मदद मिलेगी। डॉ. नवल किशोर चौधरी,डीएम






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