देश में जहां सबसे अधिक अंडरवर्ल्ड, वहां उद्योग कैसे बढ़ रहा?
नीतीश ने उद्यमियों से कहा, बंद मुट्ठी खोलिए, पूंजी लगाइए
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्यमियों से बिहार में निवेश करने की अपील की है। कहा कि नो रिस्क, नो गेन । जोखिम तो उठाना पड़ेगा। बिहार के बाहर काम करने वाले लोग राज्य में भी निवेश करें। कोई भी राज्य या देश बिना उद्योग के विकास नहीं कर सकता। अपनी बंद मुठ्ठी खोलिए, पूंजी लगाईए। व्यवसायियों पर चुटकी लेते हुए यह भी जोड़ा कि लेकिन मेरे कहने का आप पर कोई असर नहीं होगा। शुक्रवार को बिहार चैम्बर आॅफ कॉमर्स के 90वें स्थापना दिवस समारोह में सीएम ने व्यवसायियों से सवाल किया कि देश में जहां सबसे अधिक अंडरवर्ल्ड है वहां उद्योग कैसे बढ़ रहा है। बिहार में कानून का राज है और किसी भी घटना में पुलिस प्रशासन तुरंत कार्रवाई करती है। लेकिन कुछ डेस्क पर बैठे लोग हैं जो कमरे में बैठक कर रिपोर्ट जारी करते रहते हैं। यहां कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है। सब मन की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में थोड़ा-बहुत जो असर दिख रहा है, वह सार्वजनिक निवेश का है। सड़क, बिजली आदि बुनियादी क्षेत्र में काम हुए हैं। अगर निजी निवेश नहीं हुए तो विकास को टिकाऊ नहीं बनाया जा सकता। उद्यमियों ने भी थोड़ा-बहुत निवेश किया है पर वह कम है। अगर उद्यमी बंद मुठ्ठी खोलें तो यहां भी औद्योगिक विकास होगा। साइकिल योजना के शुरू होने पर साईिकल यूनिट लगाने का प्रस्ताव दिया पर स्थानीय लोगों ने दिलचस्पी नहीं ली। बाहरी लोगों ने आकर साईिकल यूनिट लगाए।
रेडिमेड गारमेंट पर दिया बल
बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि रेडिमेड गारमेंट के बल पर ही वह देश कहां से कहां पहुंच गया। बिहार में इसकी अपार संभावनाएं हैं।आप भी आगे बढ़ें तो सरकार हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। सरकार की ओर से लाई नई औद्योगिक नीति पर सीएम ने कहा कि अब तो मन बनाईए। आईटी के क्षेत्र में काम किया जा सकता है। बिहार की आबादी 76 प्रतिशत कृषि पर निर्भर है। यह निर्भरता कम होने पर ही विकास की गति तेज होगी। बिहार उपभोक्ताओं का प्रदेश है, उत्पादक नहीं। यहां भी उत्पादन हो सकता है।
सिंगल विंडो सिस्टम प्रभावी
2006, 2011 के बाद इस साल बिहार औद्योगिक प्रोत्साह नीति बनाई गई है। सिंगल विंडो सिस्टम क्लियरेंस योजना प्रभावी है। तय समय में मंजूरी नहीं मिलने पर उद्योगपतियों के प्रस्ताव एसआईपीबी से स्वत: मंजूर हो जाएंगे। वैट, स्टाम्प ड्यूटी सहित कई तरह की छूट दी गई है। युवा उद्यमियों के लिए स्टार्ट अप पॉलिसी लाई गई है। स्थानीय उत्पाद को नई नीति में प्राथमिकता दी गई है। उद्योगपति आगे बढ़ें तो बिहार में भी औद्योगिक विकास की रफ्तार तेज होगी।
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