सासामुसा मिल के कलर्क ने 300 लोगों पर दर्ज कराई लूटपाट की एफआईआर,मदद के नाम पर हो रही राजनीति
बिहार कथा. गोपालगंज. सासामूसा चीनी मिल हादसे में कुचायकोट थाने में तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है। हादसे में मरे एक मजदूर के पुत्र ने मिल मालिक व उसके दो पुत्रों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी में तीनों मिल मालिकों पर मजदूरों की सुरक्षा की अनदेखी कर मिल के पुराने वजर्जर मशीन को चलाने के कारण हादसा होने की बात कही गई है। वहीं मिल के केन हेड क्लर्क ने तोड़-फोड़ व लूटपाट के मामले में तीन सौ अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। सासामूसा चीनी मिल के केन हेड क्लर्क अब्दुल्लाह ने प्राथमिकी में अज्ञात लोगों पर मिल परिसर में घुस कर स्टोर रूम का ताला तोड़ कर लूटपाट करने व मिल मालिक के बंगले व पावर हाउस में तोड़-फोड़ कर वाहनों में आग लगाने का आरोप लगाया गया है। प्राथमिकी में मिल मालिक व उसके परिवार के लोगों की जान मारने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया गया है। लूटपाट में पावर हाउस से पांच लाख की संपत्ति लूट लिए जाने की बात कही गई है। वहीं तीसरी प्राथमिकी में श्रम अधीक्षक ने मिल मालिक के बड़े भाई व प्रबंधक को आरोपित किया है। हादसे में गंभीर रूप से जख्मी तीन मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे में मरे सभी छह लोगों के शवों के पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार की रात परिजनों को सौंप दिया गया। देर रात को सभी का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। सरकार के निर्देश पर पटना से पहुंचे फैक्ट्री इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने मिल की जांच की। उन्होंने बताया कि चीनी मिल की मशीन व कल-पुर्जे जर्जर दिख रहे हैं। प्रथम दृष्टया मिल के संचालन में सुरक्षा की अनदेखी किए जाने से हादसा होने का मामला लग रहा है।
जांच में जर्जर पाई गईं मशीनें
श्रम अधीक्षक ने दर्ज कराई मिल मालिक व प्रबंधक पर प्राथमिकीजिला श्रम अधीक्षक ने थाने में मिल मालिक के भाई व शाहिद अली व प्रबंधक जलालद्दीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें पुराने व जर्जर मिल के चलाने से हादसा होने की बात कही गई है। बताया जा रहा है कि मिल मालिक के बड़े भाई शाहिद अली के नाम पर ही मिल का रजिस्ट्रेशन है।सात सौ पचास कामगार हुए बेरोजगारसासामूसा चीनी मिल हादसे के तीसरे दिन मिल परिसर में सन्नाटा पसरा रहा।
100 गन्ना उत्पादकों के सामने विकट संकट
सेमीकेस्टनर पाइप के फट जाने से मिल में पेराई का काम बंद हो गया है। सैकड़ों क्विंटल गन्ना व चीनी के रॉ मैटेरियल सिस्टम में फंसा है। फिलहाल चीनी मील के चालू होने की संभावना भी नहीं है। मिल प्रबंधन के अनुसार नए सिरे से मिल को दुरूस्त करने में अभी महीनों का समय लगेगा। वहीं हादसे के कारणों की जांच प्रक्रिया शुरू रहने के कारण फिलहाल मरम्मति व प्रतिस्थापन का काम शुरू करने में पेच फंस गया है। चीनी मिल के बंद हो जाने से करीब एक सौ गांवों के गन्ना उत्पादकों के समक्ष विकट परिस्थति पैदा हो गई है। अब गन्ने को बेचने को लेकर किसान चिंतित हैं। वहीं जिले के गन्ना अधिकारी शंकर नारायण लाल ने बताया कि किसानों को आर्थिक नुकसान न हो इसलिए वे अपने गन्ने को गोपालगंज स्थित चीनी मिल भेज सकते हैं.
जिले में राजनीति शुरू
सासामुसा के चीनी मिल हासदे पर राजनीति का बाजार गर्म हैं. सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप और मदद की वाहवाही लूटने का ट्रेंड भी चल रहा है. हादसे में गंभीर रूप घायल दो लोगों को गोरखपुर के वीआरडी मेडिकल कॉलेज में रखा गया है. युवा नेता द्विपक दिवेद्धी ने गोरखपुर अस्पताल में घायलों का हालचाल जाना व उनके परिजनों से मुलाकात की. साथ ही पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद के साथ अपना एक यूनिट खून भी दान में दिया. उन्होंने कहा कि जिले में लोग इस हादसे परर राजनीति कर रहे हैं. घायलों को इलाज के लिए तत्काल आर्थिक सहायता की जरूरत है. लेकिन उन तक अभी कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है.
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