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भगत सिंह! एक ऐसा नाम जो खून में उतर जाता है

रामू सिद्धार्थ इस देश के कुछ महानायकों का मैं ऋणी हूं। जिसमें फुले, पेरियार, आंबेडकर, भगत सिंह और प्रेमचंद शामिल हैं। आज भगत सिंह का शहादत दिवस हैं। कोई 14 या 15 साल का रहा होऊंगा, जब भगत सिंह की छोटी जीवनी पढ़ने को मिली। अंतिम पंक्तियों में जब भगत सिंह की फांसी का वर्णन शुरू हुआ, तो आंसू थम नहीं रहे थे। सिसकियों और हिचिकियों से साथ रोने लगा। मां घबड़ा गई क्या हुआ? भगत सिंह की जीवनी और उनका विचार पढ़ने के बाद मन ही मन देश औरRead More


जानिए डॉ.आंबेडकर वकील थे तो भगत सिंह का केस क्यों नहीं लड़े?

सोशल मीडिया से साभार सोशल मीडिया पर अक्सर सवाल पूछा जाता है कि डॉ.आंबेडकर वकील थे तो भगत सिंह का केस क्यों नहीं लड़े? यह सवाल व्यंग, नफरत या आक्रोश अथवा जिज्ञासावश में पूछा जा सकता है। सवाल प्रथम दृष्टया उचित लगता है, परंतु अक्सर इसका मकसद दुष्प्रचार होता है। इसका सटिक जवाब जानने से पहले हमें हालातों को जानना होगा। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह को फांसी दी गई थी। यह वह दौर था जब शूद्र-अतिशूद्र या यूं करे कि अंबेडकर जब स्कूल जाते थे तो उन्हें स्कूलRead More


क्या आप जानते हैं भगत सिंह ने खुद को नास्तिक क्यों कहा ?

(यह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था. 27 सितंबर, 1931 को लाहौर के अख़बार ‘द पीपल’ में यह लेख प्रकाशित हुआ. इसमें भगत सिंह ने ईश्वर के अस्तित्व पर अनेक तर्कपूर्ण सवाल खड़े किए हैं और इस संसार के निर्माण, मनुष्य के जन्म, मनुष्य के मन में ईश्वर की कल्पना के साथ-साथ संसार में मनुष्य की दीनता, उसके शोषण, दुनिया में व्याप्त अराजकता और वर्गभेद की स्थितियों का भी विश्लेषण किया है. स्वतंत्रता सेनानी बाबा रणधीर सिंह 1930-31 के बीच लाहौर के सेंट्रल जेल में थे. उन्हें यहRead More


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