स्वरा भास्कर की शादी के बहाने समझे समाज की मानसिकता पुष्यमित्र सच तो यह है कि भले हम सबके हाथ में मोबाइल आ गया है और हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केRead More
आज गूगल डूडल ने पीके रोज़ी को सम्मानित किया, जो मलयालम सिनेमा में पहली अभिनेत्री थीं. उन्हें पर्दे पर देखते ही सिनेमा हॉल के पर्दे पर पत्थर फेंके गए. कुर्सियांRead More
सुभाषचंद्र कुशवाहा रैदास जयंती पर उन्हें और शिद्दत से पढ़ने, समझने की जरूरत है। उन्हें “रविदास” कहने के कुचक्र से भी बचना है। संत रैदास का नाम अपने लाभ- हानिRead More
पवन कुमार, शोध छात्र, गोरखपुर विश्विद्यालय गोरखपुर भारतीय मध्यकालीन परिवेश में संस्कृति, धर्म और भाषा की सांस्कृतिक अभिव्यक्तियाँ मोटे तौर पर द्विस्तरीय रही हैं |भारतीय मध्यकालीन परिवेश सत्ता संघर्ष केRead More
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दुनिया में सबसे खतरनाक विचारधारा कैरियरवाद संजय तिवारी मणिभद्र अगर आप मुझसे पूछें कि इस समय दुनिया में सबसे खतरनाक विचारधारा कौन सी है तो मैं कहूंगा कैरियरवाद। इस समयRead More
1टॉप करवाना की मिडिल क्लास मानसिकता संजय तिवारी स्कूल में बच्चों को टॉप करवाना ये मिडिल क्लास मानसिकता है। न तो अपर क्लास को इस बात से कोई मतलब हैRead More
उत्तर भारत का धार्मिक उत्सव ही नहीं, सामाजिक महोत्सव …. कांवड यात्रा की मीडिया में जब चर्चा होती है तो डीजे और कांवडियों के उत्पात की आड़ में सिर्फ नकारात्मकRead More
आर्थिक तबाही के बीच मस्त मौला बना हुआ है भारत रविश कुमार टर्की की मुद्रा लीरा जीरा हो गई है।।डॉलर को सामने देखते ही कांपने लग जाती है। वहां कीRead More
अब आपकी बचत का राष्ट्रीयकरण ही बचा है, थाली निकालिए और माँग कीजिए रविश कुमार बीमा का प्रीमियम ऐसे बढ़ने लगा है, जैसे सारा ग्रोथ रेट बीमा के भरोसे बैठाRead More