दुनिया में सबसे खतरनाक विचारधारा कैरियरवाद

दुनिया में सबसे खतरनाक विचारधारा कैरियरवाद

संजय तिवारी मणिभद्र

अगर आप मुझसे पूछें कि इस समय दुनिया में सबसे खतरनाक विचारधारा कौन सी है तो मैं कहूंगा कैरियरवाद। इस समय संसार में जितने भी तरह के वाद हैं उनमें यह कैरियकवाद सबसे खतरनाक है।
कैरियरवाद से प्रभावित व्यक्ति न केवल अपने आप को नष्ट करता है बल्कि अपने कैरियर के लिए अपने आसपास के लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है। उसके सामने एक छद्म लक्ष्य होता है जिसे पाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार होता है। उसके दिमाग में ये बात भरी होती है कि जीवन में एक बार कैरियर बन जाए तो सबकुछ बन जाएगा। लेकिन क्या व्यावहारिक तौर पर ऐसा होता है? अगर उनकी धारणा बिल्कुल ठीक है तो फिर कैरियरिस्ट या फिर कैरियरवादी लोग जीवन में सबसे ज्यादा दुखी, परेशान, डिप्रेस्ड लोग बनकर क्यों रह जाते हैं?
असल में ये सब इस यूरोपीय आधुनिकता के साइड इफेक्ट हैं जो दिमाग को हैकर होता है। अच्छे भले आदमी का दिमाग हैक करके उसके सामने जीवन के वो लक्ष्य रख देता है जिसका उसके वास्तविक जीवन में कोई मूल्य ही नहीं होता। उसे ये समझाया जाता है कि जीवन में कैरियर और पैसा ही सबकुछ है। ये नहीं, तो जीवन में कुछ भी नहीं। उसके सफलता का बोझ कैरियर और पैसे में निहित होता है। मुझे आज तक कोई ऐसा कैरियर वादी मनुष्य नहीं मिला जो सहज सरल होता है। जिसके भीतर कोई खास मानवीय गुण मिलता हो। उसके भीतर भांति भांति के दुर्गुण ही पाये जाते हैं। एक अच्छा मनुष्य होने के लिए जिन बातों का निषेध समझा जाता है एक कैरियरवादी उन्हीं बातों के आधार पर अपना जीवन गढता है। हां, अगर कोई व्यक्ति किसी मोड़ पर कैरियरवाद की बजाय मानवीय मूल्य को महत्व दे देता है तो वही उसके कैरियर पर ब्रेक लग जाता है। उसका ग्रोथ वहीं रुक जाता है।
इस विकास युग में आप तभी तक सफल है जब तक आप क्रूर, अमानवीय, मक्कार और धूर्त हैं। जैसे ही इन दुर्गुणों को छोड़ने लगते हैं आप इस आधुनिकता में असफल घोषित हो जाते हैं।





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