पटना में मानवता शर्मशार, एड्स पीडित को बेड से फेंका

पटना.बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में डॉक्टरों की कार्यशैली सुधरने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को मधेपुरा निवासी विकास कुमार (बदला नाम) को पीएमसीएच में भर्ती किया गया था। उसे पहले इमरजेंसी में भर्ती किया गया, उसके बाद कमरा नंबर 117 के बेड नंबर चार आवंटित कर दिया गया, लेकिन जैसे ही आसपास के मरीजों एवं डॉक्टरों को पता चला की वह एचआइवी पीडि़त है। अस्पताल में हड़कंप मच गया। जब मरीज के परिजन ब्लड बैंक से खून लाने गए, तभी डॉक्टरों ने ट्रॉली मैन को बुलवाकर उसे कमरे से बाहर फेंकवा दिया।
मरीज के परिजन आए तो बेड पर मरीज नहीं होने पर नर्स एवं डॉक्टरों से बात की तो किसी ने कुछ नहीं बताया। इसके बाद परिजनों ने खोजबीन की तो मरीज बरामदे में नीचे पड़ा मिला। परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों के अस्पताल में हंगामा करने पर डॉक्टरों ने पुलिस को बुलाकर उन्हें गिरफ्तार करवा दिया। हालांकि पुलिस ने परिजनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया। प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि मरीज को बेड से नीचे फेंकने के मामले की जांच कराई जाएगी। कोई डॉक्टर एड्स पीडि़त मरीज को अस्पताल से भगा नहीं सकता है। इस तरह के मरीजों की अस्पताल में चिकित्सा करने के लिए व्यवस्था की गई है। पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर समुचित कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पडऩे पर कैमरे की भी मदद ली जाएगी।






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