भूमिहारों के लिए ‘बांझ’ हो गया एमएलसी का विधान सभा कोटा

16वीं विधानसभा से एक भी भूमिहार नहीं बने एमएलसी
वीरेंद्र यादव, पटना।
बिहार विधान परिषद की 75 सीटों में 27 सीटें विधान सभा कोटे के लिए निर्धारित हैं। इन 27 सीटों के लिए विधायक मतदान करते हैं और उनके वोट से ही एमएलसी बनते हैं। विधान परिषद के लिए हर दो साल पर चुनाव होता है। वर्तमान व्‍यवस्‍था के अनुसार, एक बार में 11, दूसरी बार में 9 और तीसरी बार में 7 सीटों के लिए चुनाव होता है। 16वीं विधान विधान सभा का गठन 2015 में हुआ था। इस विधान सभा को तीन बार एमएलसी चुनने का मौका मिला। 2016 में 7, 2018 में 11 और 2020 में 9 एमएलसी का चुनाव विधान सभा कोटे से हुआ। इन 27 में एक भी भूमिहार को परिषद पहुंचने का मौका नहीं मिला।
16वीं विधान सभा में सबसे ज्‍यादा जलावा रहा मुसलमान और ब्राह्मणों का। इस विधान सभा में 7 मुसलमान और 3 ब्राह्मण एमएलसी बने। 7 मुसलमानों में 6 सवर्ण मुसलमान थे, जबकि एकमात्र गुलाम गौस ही अति पिछड़ा मुसमलान हैं। हालांकि 6 सवर्ण मुसलमानों में सैयर मोहम्‍मद मोहसिन का निधन हो गया था। उनकी जगह पर हुए उपचुनाव में जदयू के संजय झा निर्वाचित हुए थे। यह भी संयोग है कि विधान सभा कोटे के जदयू और भाजपा के तीनों ब्राह्मण एमएलसी मंत्री भी हैं।
विधान परिषद में प्रतिनिधित्‍व को वर्गीय अनुपात में देखा जाये तो 27 में 13 सवर्ण एमएलसी हैं। इसमें 5 मुसलमान और 8 हिंदू हैं। हिंदुओें में 4 ब्राह्मण, 3 राजपूत और 1 कायस्‍थ शामिल हैं। दलितों के नाम पर सिर्फ दो संजय पासवान और संतोष कुमार सुमन हैं। पिछड़ों में सबसे अधिक प्रतिनिधित्‍व कुशवाहा की है। इस जाति के 3 एमएलसी हैं। यादव और कुर्मी के एक-एक हैं राबड़ी देवी और नीतीश कुमार। बनिया वर्ग के दो एमएलसी हैं सुशील मोदी और रामचंद्र पूर्वे। अतिपिछड़ा के नाम पर 2 मल्‍लाह, 1 कहार, 1 दांगी और 1 राइन जाति के हैं।
अगर हम पार्टी के हिसाब से बात करें तो 16वीं विधान सभा से राजद और जदयू के 8-8, भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 और हम के 1 एमएलसी निर्वाचित हुए। 16वीं विधान सभा में विधायकों की संख्‍या ऐसी थी कि वोटिंग की कभी नौबत नहीं आयी। वर्तमान विधान में अभी राजद के 80, जदयू के 70, भाजपा के 54, कांग्रेस के 26, निर्दलीय 5, माले के 3, लोजपा के 2, हम के 1, एआईएमएआईएम के 1 और 1 सीट खाली है।
16वीं विधान सभा में तीन सीटों के उपचुनाव भी हुए। पूर्व मंत्री भीम सिंह के इस्‍तीफे से खाली हुई सीट पर जदयू के चंदेश्‍वर चंद्रवंशी फरवरी, 2016 में निर्वाचित हुए थे। जबकि सूरज नंदन कुशवाहा के निधन से खाली हुई सीट पर भाजपा के राधामोहन शर्मा और राजद के सैयद खुर्शीद मोहसिन के निधन से खाली हुई सीट पर जदयू के संजय कुमार झा निर्वाचित हुए थे।
————————————-
बिना हर्रे फिटकरी के पांच साल में बने 27 एमएलसी
——- 2016 ————
1. अर्जुन सहनी — भाजपा — मल्‍लाह
2. विनोद नारायण झा — भाजपा — ब्राह्मण
3. कमर आलम — राजद — मुसलमान
4. रणविजय कुमार सिंह — राजद — राजपूत
5. गुलाम रसूल — जदयू — मुसलमान
6. सीपी सिन्‍हा — जदयू — कुशवाहा
7. तनवीर अख्‍तर — कांग्रेस — मुसलमान
—— 2018 ————–
1. नीतीश कुमार — जदयू — कुर्मी
2. खालिद अनवर — जदयू — मुसलमान
3. रामेश्‍वर महतो — जदयू — कुशवाहा
4. सुशील कुमार मोदी — भाजपा — माड़वाड़ी
5. मंगल पांडेय — भाजपा — ब्राह्मण
6. संजय पासवान — भाजपा — पासवान
7. राबड़ी देवी — राजद — यादव
8. रामचंद्र पूर्वे — राजद — सूड़ी
9. सैयद खुर्शीद मोहसिन — राजद — मुसलमान
(खुर्शीद मोहसिन के निधन के बाद हुए उपचुनाव में संजय झा जीते)
10. प्रेमचंद मिश्रा — कांग्रेस — ब्राह्मण
11. संतोष कुमार सुमन — हम — मुसहर
——– 2020 ————
1. मो. फारुक — राजद — मुसलमान
2. सुनील कुमार सिंह — राजद —राजपूत
3. रामबली सिंह — राजद — चंद्रवंशी
4. गुलाम गौस — जदयू — मुसलमान
5. भीष्‍म सहनी — जदयू — मल्‍लाह
6. कुमुद वर्मा — जदयू — दांगी
7. सम्राट चौधरी — भाजपा — कुशवाहा
8. संजय प्रकाश — भाजपा — कायस्‍थ
9. समीर कुमार सिंह — कांग्रेस — राजपूत
———- उपचुनाव —————-
1. चंदेश्‍वर चंद्रवंशी — फरवरी, 2016 — जदयू
(जदयू भीम सिंह के इस्‍तीफे से सीट खाली)
2. संजय कुमार झा — मई, 2019 — जदयू
(राजद के सैयद खुर्शीद मोहसिन के निधन से सीट खाली)
3. राधामोहन शर्मा — मई,2019 — भाजपा
( भाजपा के सूरज नंदन कुशवाहा के निधन से सीट खाली)
https://www.facebook.com/kumarbypatna






Related News

  • मोदी को कितनी टक्कर देगा विपक्ष का इंडिया
  • राजद व जदयू के 49 कार्यकर्ताओं को मिला एक-एक करोड़ का ‘अनुकंपा पैकेज’
  • डॉन आनंदमोहन की रिहाई, बिहार में दलित राजनीति और घड़ियाली आंसुओं की बाढ़
  • ‘नीतीश कुमार ही नहीं चाहते कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, वे बस इस मुद्दे पर राजनीति करते हैं’
  • दाल-भात-चोखा खाकर सो रहे हैं तो बिहार कैसे सुधरेगा ?
  • जदयू की जंबो टीम, पिछड़ा और अति पिछड़ा पर दांव
  • भाजपा के लिए ‘वोट बाजार’ नहीं हैं जगदेव प्रसाद
  • नड्डा-धूमल-ठाकुर ने हिमाचल में बीजेपी की लुटिया कैसे डुबोई
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com