गोपालगंज : हाईस्कूल में प्रयोगशाली खोज रहे छात्र, मास्टरों को भी नहीं मालूम कहां है व्यवस्था

गोपालगंज : हाईस्कूल में प्रयोगशाली खोज रहे छात्र, मास्टरों को भी नहीं मालूम कहां है व्यवस्था
चार साल में खरीदे गए थे 1 करोड 83 साल के समान
​गोपालगंज : हाई स्कूलों में शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए सरकारी स्तर पर व्यवस्था को दुरुस्त करने का प्रयास किया गया। इसके तहत वैसे उच्च विद्यालय जहां प्रयोगशाला नहीं थे, वहां प्रयोगशाला के लिए सरकार ने राशि आवंटित की। हाई स्कूलों में उपलब्ध कराई गई राशि से प्रयोगशाला के उपकरणों को भी खरीद लिया गया। इसके बाद भी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को यह नहीं पता कि विद्यालय में कहां है प्रयोगशाला की व्यवस्था।
जिले के तमाम हाई स्कूलों में प्रयोगशाला की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकारी स्तर पर 1.83 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई। इस राशि से प्रयोगशाला कक्ष के साथ ही इसमें उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों की खरीद की जानी थी। संबंधित विद्यालयों को आवंटित राशि का उठाव कर लिया गया। बावजूद इसके ग्रामीण इलाकों के अधिकांश विद्यालयों, यहां तक कि शहरी क्षेत्र के भी तीन हाई स्कूलों में प्रयोगशाला की व्यवस्था अबतक कारगर नहीं हो सकी है। यह स्थिति तब है, जबकि प्रत्येक विद्यालय को इस मद में करीब ढाई लाख की राशि उपलब्ध कराई गई थी। क्या थी शिक्षा विभाग की योजना
सरकारी उच्च विद्यालयों में वर्ष 1990 से ही प्रत्येक छात्र-छात्रा को जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान तथा रसायन विज्ञान में प्रैक्टिकल की परीक्षा देना अनिवार्य कर दिया गया था। नियमों के अनुसार तभी स्कूलों में प्रैक्टिकल के लिए प्रयोगशाला की व्यवस्था होनी चाहिए थे। बावजूद इसके हाई स्कूलों में बगैर प्रयोगशाला के ही प्रैक्टिकल की परीक्षा ली जाती रही। वर्ष 2005 में सरकार की नींद खुली। प्रत्येक हाई स्कूल में प्रयोगशाला की व्यवस्था के लिए राशि उपलब्ध कराना शुरू कर दिया गया। ताकि बच्चों को प्रयोगशाला के माध्यम से सही शिक्षा मिल सके। क्या है हाई स्कूलों की वर्तमान स्थिति
जिले के सभी प्रोजेक्ट विद्यालयों के अलावा अल्पसंख्यक विद्यालय व राजकीय कृत हाई स्कूलों में प्रयोगशाला के लिए राशि उपलब्ध कराने के बाद भी धरातल पर छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। कारण अधिकांश स्कूलों में प्रयोगशाला काम ही नहीं कर रहा। अगर कहीं उपकरण उपलब्ध भी है तो कई बच्चों को यह भी नहीं पता कि परखनली तथा वीकर क्या है। हाई स्कूलों में प्रयोगशाला सहायकों की कमी
तमाम हाई स्कूलों में प्रयोगशाला सहायकों की भारी कमी है। यहीं कारण है कि प्रयोगशाला सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं। कई स्कूलों में तो प्रयोगशाला कक्ष के आगे बोर्ड तक भी नहीं लगाया जा सका है। ऐसे में इसकी शिक्षा के बारे में सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है।
कब खर्च हुई कितनी राशि
वर्ष.            राशि
2005-06 15 लाख
2006-07 45 लाख
2007-08 42 लाख
2008-09 81 लाख
कुल 1 करोड़ 83 लाख






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