कुछ जिलाधिकारियों की कार्यशैली से खफा हैं नीतीश 

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदभार संभालने के बाद अपनी दूसरी बैठक में किसानों की परेशानियों को अधिकारियों के माध्यम से समझा और उन्हें तत्काल दिशानिर्देश जारी किए. उन्होंने अधिकारियों को साफ कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए. विधि- व्यवस्था की समीक्षा के बाद किसानों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा कर मुख्यमंत्री ने साफ संकेत दे दिया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में कृषि का स्थान भी ऊपर है. बैठक में निर्णय हुआ कि रबी की खेती करने वाले किसानों को तीन पटवन के लिए अनुदान दिया जाएगा. साथ ही खरीफ में डीजल अनुदान का आवेदन लेने का समय 30 नवंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने संभावित जल संकट को देखते हुए संबंधित पदाधिकारियों को अभी से इसकी तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया.

कृषि को प्राथमिकता

गौरतलब हो कि सीएम बनने के बाद नीतीश कुमार ने सबसे पहले रविवार को विधि – व्यवस्था की समीक्षा की थी. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि इस बार बारिश कम हुई इसके बाद भी धान की 97 फीसदी रोपनी हुई. चुनाव की वजह से डीजल अनुदान कम बंट पाया. अबतक 41.89 करोड़ ही डीजल अनुदान बंटा है. किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि किसान इसके लिए 31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं . पहले 30 नवंबर तक ही आवेदन की समय सीमा तय की गयी थी. आपदा प्रबंधन की समीक्षा के दौरान यह बात भी उभरकर सामने आयी की बारिश कम होने की वजह से जलस्तर कम हो सकता है. हालांकि अभी जलस्तर नहीं कमा है. संभावित जलस्तर कम होने तथा सूखे की दिशा में इसकी तैयारी अभी से शुरु हो जानी चाहिए. इसके लिए जो मानक संचालन है उसका उपयोग किया जाए. जल्द ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक भी होगी.

धान खरीदने के निर्देश

मुख्यमंत्री के धान खरीद की समीक्षा करते हुए जल्द खरीद शुरू करने  के निर्देश दिये. भारत सरकार ने धान का न्यूनतम सर्मथन मूल्य 1410 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है. राज्य सरकार धान खरीद पर प्रति क्विंटल 300 रुपए का बोनस देगी. पैक्स व व्यापार मंडल के जरिए धान की खरीद होगी. एक किसान से अधिकतम 100 क्विंटल ही धान खरीदा जाएगा. किसानों की सूची बनाने में बसुधा केंद्र का भी सहयोग लिया जाएगा. अनुमंडल स्तर पर एसएफसी को भी धान खरीद में लगाया जाएगा.

कुछ डीएम पर गिर सकती है गाज

बताया जा रहा है कि डीजल अनुदान की समीक्षा का दौरान मुख्यमंत्री इस बात से खफा थे कि किसानों को अब तक खरीफ के पटवन का अनुदान क्यों नहीं मिला. वे वैसे जिलाधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी दिखायी जिन्होंने राशि रहते हुए भी डीजल अनुदान नहीं वितरित किया और इसके लिए चुनाव का बहाना बनाया तथा राशि वितरण के लिए चुनाव आयोग से निर्देश मांगा. इसके लिए आयोग की सहमति की आवश्यक्ता नहीं थी.    from prabhatkhabar






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