नेपाल से 150 भारतीय रक्सौल पहुंचे, बिहार सरकार ने उनकी घर वापसी के प्रबंध किए

Amritsar: Indian earthquake survivors greet their relatives after being rescued by the Indian Airforce from Nepal at Amritsar airport on Monday. PTI Photo(PTI4_27_2015_000049B)

Amritsar: Indian earthquake survivors greet their relatives after being rescued by the Indian Airforce from Nepal at Amritsar airport on Monday. PTI Photo(PTI4_27_2015_000049B)

पटना। भूकंप प्रभावित नेपाल से करीब 150 भारतीयों के आज सुबह रक्सौल पहुंचने के बाद उन्हें विभिन्न ट्रेनों से उनके घर भेजने के साथ ही पड़ोसी देश के पोखरा इलाके में फंसे अन्य भारतीयों को देश वापस लाने के लिए वहां दस बसें भेजी गई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि राज्य सरकार ने नेपाल से सड़क के जरिए आज सुबह रक्सौल पहुंचे 150 भारतीय नागरिकों को विभिन्न ट्रेनों से उनके घर भेजने की व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने नेपाल के पोखरा इलाके से भारतीयों को वापस लाने के लिए दस बसें वहां भेजी है। पांच अन्य बसें जल्द ही भेजी जाएंगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश में भूकंप से उत्पन्न हालात पर नजर रखने के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा कर रहे हैं। राज्य में भूकंप से अबतक 51 लोगों की मौत हुई और 173 अन्य घायल हो गए हैं। भूकंप के कारण लोगों में व्याप्त भय के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने आज और कल प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया था। बिहार का पूर्वी चंपारण जिला जहां भूकंप के कारण सबसे अधिक 11 लोगों की मौत हुई है के मुख्यालय मोतिहारी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिलाधिकारी भरत कुमार दूबे और पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार रक्सौल में कैंप कर वहां नेपाल से पहुंचने वाले भूकंप पीडितों के लिए लगाए गए राहत शिवरों में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की निगरानी कर रहे हैं।
पूर्वी चंपारण के जिला जनसंपर्क अधिकारी मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि रक्सौल में जारी राहत शिविरों में दंडाधिकारी और चिकित्सक 24 घंटे काम कर रहे हैं। नेपाल से सटे बिहार के एक अन्य जिले सीतामढ़ी में भूकंप की आशंका से भयभीत लोग डुमरा हवाई अड्डा, रघुनाथ झा स्कूल सहित अन्य स्थानों पर खुले में रह रहे हैं। जिला प्रशासन ने इनके लिए पेयजल और जेनरेटर की व्यवस्था की है। सीतामढ़ी में भी 25 अप्रैल को आए भूकंप के कारण बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति हुई थी। दरभंगा के जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल के आपातकाल, सर्जिकल और आर्थोपेडिक वार्डों का भवन पुराना होने तथा उसकी स्थिति बेहतर नहीं होने के मद्देनजर वहां भर्ती मरीजों को शहर के अन्य अस्पतालों में भेजा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल देर शाम राजधानी पटना के गांधी मैदान, इको पार्क और कृष्णापूरी पार्क और अन्य स्थानों पर खुले में रह रहे खौफजदा लोगों से मुलाकात की तथा प्रशासन को इन स्थानों पर पेयजल और रौशनी के समुचित प्रबंध करने का निर्देश दिया।






Related News

  • ‘जो शराब पीयेगा वो तो मरेगा ही, कोई नई बात नहीं है’
  • 25 साल की उम्र में 200 साल की अंग्रेजी हुकूमत को हिला देने वाले आदिवासी योद्धा थे बिरसा मुंडा
  • बुढ़ी काली मंदिर किशनगंज : कुंवारे लड़के-लड़की को करना होता है यहां ये काम
  • बिहार में जल्‍द शुरू होगा प्रोपर्टी सर्वे; एक-एक घर, मार्केट का बनेगा रिकार्ड
  • भारतीयता मनुष्‍य बनाने की है प्रक्रिया : प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल
  • गोपालगंज की हर पंचायत में जन सहयोग से पुस्कालय खोलने की प्रशासन की सकारात्मक पहल
  • अनुकंपा नौकरी में दूसरी पत्नी के बेटे को भी मिल सकती है नौकरी, लेकिन यह है शर्त
  • भादो बाद होगा बिहार में नगर निकाय चुनाव
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com