चंपारण सत्याग्रह: गांधी के समाने नतमस्तक हुए ‘गांधी’, कहा- अहिंसा सबसे बड़ा हथियार
चंपारण सत्याग्रह के तहत हेरिटेज वॉक में गांधी बने कलाकार मुजफ्फरपुर के प्रभात तारा स्कूल पहुंचे। वहां उन्होंने बच्चों से संवाद किया।
मुजफ्फरपुर. चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के अंतर्गत आयोजित ‘हेरिटेज वॉक’ के दूसरे दिन महात्मा गांधी की भूमिका निभा रहे कलाकार ‘गांधीजी’ बनकर मुजफ्फरपुर के प्रभात तारा स्कूल पहुंचे। उन्होंने बच्चों से कहा कि हमें बुरी आदतों का त्याग करना चाहिए। सबसे प्रेम करो। मन लगाकर पढ़ाई करनी चाहिए, नकल नहीं करनी चाहिए। इस दौरान स्कूल में गांधीजी की तस्वीर देखकर वे नतमस्तक हो गए। ‘गांधीजी’ ने विद्यार्थी जीवन की बातें बच्चों से साझा की। बच्चों को सुंदर लिखावट के प्रति प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कभी-कभी तो शिक्षक भी नकल कराते हैं, लेकिन उनकी नहीं सुनो। नकल नहीं करने से ताकत मिलती है, ज्ञान मिलता है।
खूब पढ़ो, खूब खेलो
‘गांधीजी’ बच्चों से कहते हैं, खूब पढ़ो, खूब खेलो। पढ़ाई के साथ-साथ खेल जरूरी है। शिक्षकों का हमेशा सम्मान करो। गलतियां हो जाएं तो उन्हें दूर करो। ‘गांधीजी’ ने बच्चों के साथ खेलने की इच्छा जताई, लेकिन प्रोफेसर व अन्य लोग उन्हें शहर दिखाना चाहते हैं।
मंच संचालन माधुरी सिंह ने किया। ‘गांधीजी’ स्कूल की प्राचार्य सिस्टर ग्रेस व प्रभात तारा सीबीएसई स्कूल की उप प्राचार्य को पुस्तक भेंट करते हैं।
‘गांधीजी’ ने देखी-समझी किसानों की व्यथा
स्कूल में चंपारण के किसानों की समस्या को झांकी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। अंग्रेजों के जुल्म को दिखाया गया। नील की खेती से किसानों के पैर सड़ रहे हैं। ये सब देख ‘गांधीजी’ का मन द्रवित हो उठता है।
बच्चों व ‘गांधीजी’ में संवाद
नंदनी : सत्याग्रह क्या है, इसे क्यों चुना?
‘गांधीजी’ : सत्य के लिए आग्रह करना ही सत्याग्रह है। दक्षिण अफ्रीका जाने के दौरान मुझे ट्रेन से धक्का देकर गिरा दिया गया था। हालांकि, मेरी कोई गलती नहीं थी। अंग्रेजों के इस रवैये के खिलाफ सत्याग्रह शुरू किया।
आर्ची : नील की खेती से यह आंदोलन कैसे मुक्ति दिला पाएगा?
‘गांधीजी’ : आप सब एक हो जाएंगे, तो नील की खेती खत्म हो जाएगी। अंग्रेजों के विरुद्ध एकजुट होना पड़ेगा। एकता में बल है।
दीपशिखा : अहिंसा से समस्या का अंत हो जाएगा?
‘गांधीजी’ : अहिंसा से विजय मिलेगी। इस रास्ते पर चलकर ही अंग्रेज झुकेंगे। अहिंसा सबसे बड़ा हथियार है। पागल लोग हिंसा करते है।
अंजनी भारती: चंपारण क्यों जा रहे हैं?
‘गांधीजी’ : चंपारण में किसानों का शोषण हो रहा है। नील की खेती से किसानों के पैर खराब हो रहे हैं। राजकुमार शुक्ल जी किसानों की समस्या को लेकर कई बार मिले। चंपारण जाकर किसानों को एकजुट करेंगे। मुट्ठी भर अंग्रेज कुछ नहीं कर सकेंगे। अंग्रेजों को सुनना पड़ेगा।
सुंदरा : स्वच्छता में ईश्वर का निवास कैसे होता है?
‘गांधीजी’ : गंदगी दुराव पैदा करती है। गंदगी देख लोग दूर भागते हैं, जबकि स्वच्छता में आनंद, प्रेम, सद्भाव है।
गांधीजी के आगे नतमस्तक हुए ‘गांधीजी’
हेरिटेज वॉक के दौरान मंगलवार को ‘गांधीजी’ प्रभात तारा स्कूल पहुंचे। वे बच्चों से मिलने हॉल में जा रहे थे। वहीं, सीढिय़ों पर गांधीजी (मोहनदास करमचंद गांधी) की एक बड़ी तस्वीर दिखी। उसे देखते ही ‘गांधीजी’ के पांव ठिठक गए। वे सहसा नतमस्तक हो गए। दोनों हाथ जोड़कर उन्हें नमन किया। उनके साथ रहे अन्य लोगों ने भी बापू को प्रणाम किया। with thanks from jagran.com
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