ramanika gupta
आग सुलगाकर चले गये थे मंत्रीजी, बाद में बॉडीगार्ड भी आया

आग सुलगाकर चले गये थे मंत्रीजी ‘दमकल’ देख भड़क गयी रमणिका — बिहार-झारखंड: राजनेताओं की रंगरेलियां 6 — वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ पत्रकार, पटना बिहार विधान मंडल की पूर्व सदस्य और लेखिका रमणिका गुप्ता अपनी आत्मकथा में एक सोशलिस्ट नेता और तत्कालीन मंत्री के कार्यव्यवहार और चरित्र को लेकर काफी गंभीर दिखती हैं। उनके मन में नेताजी के प्रति आदर भाव था। रमणिका को लगता था कि मंत्री के प्रति समर्पण करके उनके ‘ऋण’ से मुक्त हुआ जा सकता है। एक घटना का जिक्र करते हुए लिखती हैं कि हजारीबाग कीRead More
पहले कायस्थ सीएम और फिर ब्राह्मण अध्यक्ष ने भोगा

पहले कायस्थ और फिर ब्राह्मण ने भोगा — बिहार-झारखंड: राजनेताओं की रंगरेलियां 5 — वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ पत्रकार, पटना बिहार विधान मंडल की पूर्व सदस्य और लेखिका रमणिका गुप्ता अपनी आत्म कथा में देह यात्रा की कई परतों को खोलती हैं। शारीरिक संबंधों को सुरक्षा कवच मानने वाली रमणिका कहती हैं कि देह यात्रा करने वालों में एक बिहार के शीर्ष नेता मुख्यमंत्री और दूसरे बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। एक कायस्थ, एक ब्राह्मण। मुझे ये दोनों एक बहुत बड़ी ढाल की तरह शक्तिशाली और समर्थ संरक्षक के रूपRead More
और मंत्री जी नंगे ‘अवतरित’ हो गये… देह यात्रा के बाद राष्ट्रपति भी बने

– बिहार-झारखंड : राजनेताओं की रंगरेलियां 4 – वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ पत्रकार, पटना बिहार विधान मंडल की पूर्व सदस्य रमणिका गुप्ता की आत्मकथा भाषा और शैली के रूप में बेजोड़ है। देह के साथ राजनीतिक घटना और परिस्थिति को जोड़कर रखने के अद्भुत शिल्प की गवाह है पुस्तक। वे जयपुर की एक घटना का जिक्र करते हुए कहती हैं कि देहयात्रा करने वाला व्यक्ति बाद में देश का राष्ट्रपति भी बन गया था। घटना 1962-64 के बीच की है। कांग्रेस का जयपुर सम्मेलन हुआ था। वे बीपीसीसी की तरफ सेRead More