#naminatha ka dhanush

 
 

बिहार की हिडेन हिस्ट्री : नमिनाथ का धनुष

नमिनाथ का धनुष -पुुष्य मित्र जैन धर्म में जिसे पहले निर्ग्रन्थ सम्प्रदाय भी कहा जाता था, क्योंकि पहले इस सम्प्रदाय में कोई ग्रंथ नहीं था, कुल 24 तीर्थंकर थे। वर्धमान महावीर इसके 24वें और आखिरी तीर्थंकर थे, जिनके बारे में आज दुनिया जानती है। मगर उनके अलावा इस धर्म में कई महत्वपूर्ण तीर्थंकर हुए, जिनके विचारों ने वह पृष्ठभूमि तैयार की जिस पर जैन धर्म और भारत में अहिंसा का विचार खड़ा है। नमिनाथ भी ऐसे ही एक तीर्थंकर थे जिन्होंने शिव धनुष की प्रत्यंचा उतार कर रख दी थी।Read More


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