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ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का सामाजिक आंदोलन और उसका प्रभाव

(11 अप्रैल 1827 को जन्में थे सामाजिक आंदोलन के मसीहा, ज्योतिबा फुले या जोति राव फुले । शीरोज बतकही के शुरुआती दौर में 2018 में हमने फुले के संघर्ष और योगदान पर एक परिचर्चा आयोजित की थी। उसकी रिपोर्टिंग पढ़ने वाली है-शीरोज़ बतकही, लखनऊ विषय – ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का सामाजिक आंदोलन और उसका प्रभाव) ************* सुभाष चंद कुशवाहा के फेसबुक से साभार शीरोज बतकही की 26 वीं बैठक दिनांक 23 दिसम्बर 2018 को निर्धारित समय एवं स्थान पर सम्पन्न हुई। इस परिचर्चा को ज्योतिबाफुले और सावित्री बाईRead More


ज्योति बा स्वयं शिक्षित होकर बालिकाओं को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया : संजय स्वदेश

मीरगंज में मनी ज्योति बा कि जयंती संवाददाता, मीरगंज/गोपालगंज। दलित ओबीसी जनजागरण संघ की ओर से मीरगंज में सावित्री बाई फुले की जयंती मनाई गई। इस मौके पर संघ के संयोजक संजय स्वदेश ने कहा कि आज सामाजिक आंदोलन को आगे बढ़ाने, स्वंय शिक्षित होकर, वंचित समुदाय को शिक्षित करने का बीड़ा उठाने वाली सावित्री बाई को याद करने का समय है। इन्होंने अपने पति ज्योति बा फुले के साथ अधिकारों के लिए जिस तरह अन्याय, अत्याचार झेलते हुए, आगे आये, स्त्री मुक्ति की राह दिखाए, वह ऐतिहासिक, अनुकरणीय है। इसRead More


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