Jagdev prasad

 
 

राजनैतिक हलवाही के खिलाफ बिहार का लेनिन

बाबू जगदेव प्रसाद की  शहादत दिवस पर सुभाष चंद्र कुशवाहा बाबू जगदेव प्रसाद का आज शहादत दिवस है। उनका समय और समाज, दोनों जिन विडंबनाओं से गुजरे हैं और उन्होंने जिस वैचारिकी की नींव आजादी के बीस साल बाद रख दी थी, उनके निहितार्थों में शामिल, जातिवादी उत्पीड़न से आजादी, नहीं मिली है। जो जबरे शोषक हैं, अपराधी हैं, सत्ता उन्हीं के दरवाजे की रेहन है। उन निहितार्थों की मुक्तिकामी चेतना को समझे बिना कोई जगदेव प्रसाद के विचारों और सोच को जातिवादी मुलम्मे से ढंकना चाहेगा या कोई उन्हेंRead More


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