Bihar

 
 

बिहार का वह सीएम जिसने पहले कागज और फिर देह पर ‘साइन’ कर दिया

मुख्‍यमंत्री ने पहले कागज और फिर देह पर ‘साइन’ कर दिया — बिहार-झारखंड: राजनेताओं की रंगरेलियां 2 — वीरेंद्र यादव, वरिष्‍ठ पत्रकार, पटना बिहार विधान मंडल की पूर्व सदस्‍य रमणिका गुप्‍ता अपनी आत्‍मकथा में लिखती हैं कि तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री के जन्‍मदिन पर धनबाद में एक कवि सम्‍मेलन का आयोजन किया गया। इसमें कई ख्‍यातिलब्‍ध कवियों ने शिरकत की। मुख्‍यमंत्री भी आये। इसका आयोजन रमणिका गुप्‍ता ने ही किया था। कवि सम्‍मेलन के बाद मुख्‍यमंत्री ने उन्‍हें पटना आने का बुलावा दिया। इस घटना के बाद रमणिका का प्रभाव कोयलांचल मेंRead More


क्या कांग्रेस के कुछ दिग्गज केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए करते हैं गांधी परिवार को बदनाम !

राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस के खिलाफ G-23 रच रहा साजिश, रंजीत रंजन का बड़ा आरोप कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने शनिवार को कहा कि जी -23 यानी का असंतुष्ट नेताओं का समूह सिर्फ राज्यसभा सीट पाने के लिए पार्टी के खिलाफ साजिश रच रहा है। गौरतलब है कि शनिवार को जम्मू में कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का जमावड़ा हुआ था। नई दिल्ली, एएनआई। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने शनिवार को कहा कि जी -23 यानी का असंतुष्ट नेताओं काRead More


जोड़-तोड़ की राजनीति के लिए कैबिनेट में मंत्रियों की पांच सीटें हैं खाली !

जोड़–तोड़ की राजनीति के लिए कैबिनेट में मंत्रियों की पांच सीटें हैं खाली ! पटना। कैबिनेट विस्तार के साथ ही राज्य सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) समेत 31 सदस्य हो गए। नियमों के मुताबिक मंत्रियों की संख्या अधिकतम 36 हो सकती है। इस हिसाब से अभी पांच जगह और खाली है। माना जा रहा है कि इसे बाद में जोड़-तोड़ की राजनीति के लिए बचाकर रखा गया है। जदयू ने निर्दलीय सुमित सिंह (Sumit Singh) और बसपा के जमां खान (Jama Khan) को मंत्रिमंडल में शामिल कियाRead More


डमी पार्टियों पर चुनाव आयोग का ब्रेक

डम्मी पार्टियों का दौर  वीरेंद्र यादव, पटना। चुनाव में उम्मीदवार अपने खर्चे को छुपाने के लिए डम्मी उम्मीदवार खड़ा किया करते थे। चुनाव आयोग की सख्ती ने डम्मी उम्मीदवार पर अंकुश लगाया है। कई बार डम्मी उम्मीदवार से मेन उम्मीदवार चुनाव हार गये। इससे डम्मी उम्मीदवार का दौर समाप्त् हो गया है। अब डम्मी पार्टी का दौर शुरू हो गया है। अब बड़ी पार्टियां अपने जातीय आधार और कुनबे को विस्तार देने के लिए डम्मी पार्टियों को सपोर्ट कर रही हैं। ये बड़ी पार्टियों छोटी पार्टियों को टिकट के साथRead More


…और अंधविश्वास में बर्बाद हुआ बिहार का एक महीना

– नवल किशोर कुमार सचमुच भारत अंधविश्वासी देश है। अंधविश्वास को जितना प्रश्रय यहां हर स्तर पर दिया जाता है, उतना किसी और देश में शायद ही होता हो। अब बीते चार दिन पहले मेट्रो स्टेशन पर एक नजारा दिखा। दफ्तर से अपने रहवास आने के क्रम में एक मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलते वक्त सीढ़ी पर अचानक भीड़ लग गयी। मैं चौंक गया। आखिर वजह क्या हुई कि लोग अचानक से रूक गए हैं। क्या आगे कोई खतरा है!? इससे पहले कि किसी से पूछता, एक बिल्ली चुपके सेRead More


Vuln!! Path it now!!

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बिहार की भ्रामक राजनीतिक स्थिति

भ्रामक राजनीतिक स्थिति प्रेमकुमार मणि बिहार में भाजपा -जदयू – लोजपा का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन संकट की ओर बढ़ता दिख रहा है . तीसरे नंबर का घटक लोजपा तो इस गठबंधन में है भी या नहीं ,यह यकीनी तौर पर नहीं कहा जा सकता . भाजपा की ओर से देखने पर वह है , लेकिन जदयू की तरफ से देखने पर नहीं है . विधानसभा के विगत चुनाव में लोजपा ने जदयू के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतार कर उनकी खटिया खड़ी कर दी थी . 115 सीटोंRead More


बिहार में जाली डिग्री वाले मास्टरों से जो नुकसान हुआ, उसके जिम्मेदार को क्या सजा मिलेगी ?

5,200 शिक्षकों की डिग्रियों की जांच में जुटी बिहार सरकार, फर्जी डिग्री मामले में 4,456 हो चुके हैं बर्खास्त बिहार के सरकारी स्कूलों में पांच हजार से ज्यादा शिक्षक फर्जी डिग्री पर वेतन उठा रहे हैं. स्कूलों की पढ़ाई का हाल किसी से छिपा नहीं है. ये फर्जी डिग्री वाले शिक्षक निगरानी विभाग के निशाने पर हैं. ऐसे चार हजार से ज्यादा शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं. बाकी पर भी जल्द गाज गिरन वाली है. सवाल यह है कि ऐसे फर्जी शिक्षकों ने जिस तरह से बिहार के शिक्षा व्यवस्थाRead More


कितना बदला बिहार : राजद के पन्द्रह साल बनाम जदयू के पन्द्रह साल

आशीष कुमार ‘अंशु’, निदेशक, मीडिया स्कैन एक माइक, एक मोबाइल, एक फेसबुक प्रोफाइल लेकर बिहार में इस बार युवाओं की फौज उतरी है। यह नजारा बिहार के गांव की गलियों में आम है। गांव वालों के लिए यह सभी पत्रकार हैं लेकिन वास्तव में ये खास राजनीतिक समूह का टोही दस्ता है। ये गांव में जाकर हवा को महसूस करते हैं और जिनके संसाधनों की वजह से पत्रकार बने हैं, उन्हें पूरी—पूरी रिपोर्ट शाम तक देते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को क्या नाम देना चाहिए? पत्रकारिता या जनसंपर्क या कुछRead More


कंफ्युजन में क्यों हैं गोपालगंज में यादव समाज के कुछ लोग ?

कंफ्युजन में क्यों हैं गोपालगंज के कुछ यादव समाज के लोग साधु यादव के चक्कर में आकर तेजस्वी यादव को करेंगे कमजोर मायावती अखिलेश यादव को यूपी में दे चुकी हैं गच्चा, उसी के हाथी पर सवार है साधु साधु के सांसद रहते दबंगई करने वाले अभी हाशिये पर हैं, वे साधु के सहारे फिर से जिले में वर्चस्व दिखाने के फिराक में हैं. विशेष संवाददाता. गोपालगंज. गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक लडाई पूरी तरह से दिलचस्प होकर एक रोचक मोड पर खडी हो गई है. आमने सामने के उम्मीदवार भाजपाRead More


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