#छोटी-छोटी उपलब्धियों को सहेज कर बड़े बने लालू

 
 

छोटी-छोटी उपलब्धियों को सहेज कर बड़े बने लालू

छोटी-छोटी उपलब्धियों को सहेज कर बड़े बने लालू गोपालगंज से रायसीना-1 ———- वीरेंद्र यादव ————— पिछले दिनों दो साथियों ने दो पुस्‍तकें दी थीं पढ़ने के लिए। अरुण नारायण ने लालू यादव की आत्‍मकथा ‘गोपालगंज से रायसीना’ दी थी, जबकि नवल किशोर ने ‘बिहार की चुनावी राजनीति’ भेजी थी। पहली पुस्‍तक में लालू यादव की राजनीतिक यात्रा उनके ही शब्‍दों में लिखी गयी है तो दूसरी पुस्‍तक में बिहार की राजनीति के ‘लालू युग’ का आंकड़ों में अध्‍ययन किया गया है। इस पुस्‍तक में 1990 से 2017 तक के राजनीतिकRead More


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