राष्ट्रपति चुनाव : राजेंद्र बाबू ने पाया था 99 प्रतिशत वोट, टूट नहीं पाएगा उनका रिकार्ड

नई दिल्ली. ए. उम्मीदवारों का नाम घोषित होने के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव के लिये अपने अपने उम्मीदवारों के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा समर्थन जुटाने के प्रयासों जुट गये हैं लेकिन उनमें से किसी के भी देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के सर्वाधिक 99 प्रतिशत मत हासिल करने के रिकार्ड को तोड़ पाने की उम्मीद नहीं है. डा. राजेंद्र प्रसाद ने 1957 में हुये चुनाव में 99 प्रतिशत से अधिक मत हासिल किये थे. राष्ट्रपति के लिये अब तक हुये 14 चुनावों में कोई उम्मीदवार इस रिकार्ड को नहीं तोड़ पाया है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के ज्यादातर दलों की सहमति से 2002 में चुनाव मैदान में उतरे मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम करीब 90 प्रतिशत ही वोट हासिल कर पाये थे. अब तक सिर्फ एक बार निर्विरोध चुनाव हुआ है. वर्ष 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध निर्वाचित हुये थे.
दूसरे नंबर पर राधाकृष्णन
राजेंद्र प्रसाद के बाद दूसरा नंबर राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्ण्न हैं जिन्होंने 1962 के चुनाव में 98 प्रतिशत से अधिक मत हासिल किये थे. इसके बाद के आर नारायणन का नंबर आता है जिन्हें 1997 में हुये चुनाव में 95 प्रतिशत मत मिले थे. श्री नारायणन सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाले दलित समुदाय के पहले नेता थे. अगले माह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिये सत्तारुढ़ गठबंधन ने श्री राम नाथ कोविंद को तथा विपक्ष ने श्रीमती मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया है. दोनों ही दलित समुदाय के हैं। इसलिये इस समुदाय के नेता का एक बार फिर देश का राष्ट्रपति बनना तय है.
अब तक के राष्ट्रपति चुनावों में उम्मीदवारों को मिले मतों की बात की जाये तो 1957 में डा़ राजेंद्र प्रसाद को कुल पड़े 464370 मतों में से 459698 मत मिले थे. उनके खिलाफ दो उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. उनमें से एक को 2672 तथा दूसरे को 2000 मत मिल पाये थे. डा. राजेंद्र प्रसाद एक मात्र ऐसे नेता हैं जो लगातार दो बार राष्ट्रपति चुने गये, लेकिन 1952 में हुये पहले चुनाव में उन्हें करीब 84 प्रतिशत मत ही मिल पाये थे. इस चुनाव में कुल पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे तथा कुल 605386 मत पड़े थे। डा़ राजेंद्र प्रसाद को 507400 मत मिले. उनके निकटतम उम्मीदवार के टी शाह को 92827 मत मिले थे.






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