भाजपा के ‘शत्रु’ ने खोला राज, क्यों हैं वो इतने नाराज़, जानिए

पटना [काजल] जागरण डॉटकॉम से साभार।  बिहार के पटना साहिब लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि अगर सच कहना बगावत है तो वे बागी हैं। उन्होंने कहा कि उन्‍हें मंत्री पद की लालसा नहीं रही, लेकिन सवाल तो उठता है कि जब जैसे-तैसे लोगों को क्या नहीं बनाया गया, तब उन्‍हें भी पद दे दिया जाता तो क्या आसमान गिर जाता? अरूण जेटली को चुनाव हारने के बाद भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में तीन-तीन महत्वपूर्ण विभाग दिए गए। स्मृति ईरानी चुनाव हार गयीं, फिर भी उन्हें मानव संसाधन विभाग दिया गया। लेकिन वे इतने नाकाबिल समझे गए कि चुनाव में रिकॉर्ड जीत के बाद भी मंत्री पद नहीं दिया गया।
शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने यह भी कहा कि वे बिहार के मुख्‍यमंत्री पद की पेशकश को ठुकरा चुके हैं और आगे भी मुख्‍यमंत्री बनने का इरादा नहीं है। ? jagran.com से खास बातचीत में भाजपा के ‘शत्रु’ ने राजनीति के विभिन्‍न मुद्दों पर खुलकर बातें की। साथ ही बेटी व बॉलीवुड एक्‍ट्रेस सोनाक्षी सिन्‍हा को अपने लिए ईश्वर का वरदान बताया। प्रस्‍तुत हैं बातचीत के महत्वपूर्ण अंश…
प्रश्न- पटना में एनडीए की रैली में आपको नहीं बुलाया गया। स्थानीय सांसद होने के बावजूद इस उपेक्षा कर वजह? 
उत्तर- ये सब बदले की भावना से किया जा रहा है। रैली में मुझे आमंत्रण नहीं दिया गया। मुझसे बात तक नहीं की गई। आपको बता दूं कि बिहार भाजपा की कोर कमेटी में बिहारी बाबू का ही नाम नहीं है। एेसा नहीं कि बिहार में जनता ने यूं ही अपना वोट दिया। मैं  पूछना चाहता हूं कि पार्टी में क्या मेरा योगदान नहीं रहा है? अभी शूट और स्कूट की राजनीति हो रही है। संवाद खत्म हो गया है। लोकशाही नहीं तानाशाही चल रही है।
प्रश्न- तो इसका मतलब यह कि भाजपा से आपका मोहभंग हो गया है? 
उत्तर- भाजपा मेरी पार्टी रही है, उससे भावनात्मक लगाव है। मैंने अटलजी, आडवाणीजी के सानिध्य में काम किया है। लेकिन आज माहौल बदला हुआ है, क्या हो रहा है किसी से छुपा नहीं है? देखकर तकलीफ होती है। कोई बुलाए या ना बुलाए फर्क नहीं पड़ता। बिहार की जनता मुझे प्यार करती है, मैं जनता के लिए काम करना चाहता हूं।
प्रश्न- क्या आप मान चुके हैं कि भाजपा इस बार आपको टिकट नहीं देगी? किधर का रूख करेंगे-राजद या कांग्रेस का ?
उत्तर- (हंसते हुए) दो दिन रूक जाइए, सब पता चल जाएगा। मैंने अबतक भाजपा का साथ नहीं छोड़ा है और ना ही पार्टी ने अबतक निकाला है। लेकिन प्रत्याशी का नाम अनाउंस होते ही सबको पता चल जाएगा कि किसे टिकट मिलेगा, किसे नहीं। वैसे मैंने पहले भी कहा कि सिचुएशन कोई हो, लोकेशन वही रहेगा- पटना साहिब क्षेत्र। मैं इसी सीट से चुनाव लड़ूंगा।
प्रश्न- आपकी नजर में महागठबंधन का कैसा भविष्य है? 
उत्तर- महागठबंधन गजब का गठबंधन बना है। अभी देश का माहौल खराब हो चुका है और एेसे में केंद्र की नीतियों को खिलाफ एकजुटता दिखाना पड़ेगी। महागठबंधन इसीलिए बना है ताकि जनता से की गई ठगी का, झूठे वादों का करारा जवाब दिया जाए। सबकी एकजुटता जरूरी है। महागठबंधन एक प्रकाश पुंज की तरह है जो देश की जनता के लिए नई रोशनी लेकर आएगा। सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए विकल्प जरूरी है, वरना लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। तानाशाही हावी हो जाएगी।
प्रश्न- पटना साहिब से भाजपा नेता आरके सिन्हा अपने बेटे ऋतुराज के लिए टिकट चाहते हैं? आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
उत्तर– वो मेरे बच्चे की तरह है, क्या प्रतिक्रिया होगी? आरके सिन्हा मेरे दोस्त, मेरे भाई की तरह हैं। अगर वे अपने बेटे के लिए पटना साहिब से भाजपा की सीट चाहते हैं तो मेरी शुभकामनाएं हैं। यह तो पार्टी का फैसला होगा।
प्रश्न- आप बार-बार लालू-राबड़ी-तेजस्वी से मिल रहे हैं। क्या वजह है?
उत्तर- मैं लालू जी से पहले भी मिलता रहा हूं। लालू जी ने कहा था कि मेरे परिवार का ख्याल रखिएगा। आज वे परेशान हैं। जिन लोगों ने खिलाफत की है उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। आज लालू जी का पूरा परिवार दुखी है। एेसे में अगर हम राबड़ी जी, मीसा बेटी, तेजस्वी से मिल लिए तो कौन-सा पहाड़ टूट गया? लालू जी के परिवार ने भरपूर सम्मान दिया है। बच्चे अंकल-अंकल कहते हैं, बहुत प्यार करते हैं। एेसे में मिलना क्या गलत है?
प्रश्न- आप पर आरोप है कि आप भाजपा विरोधी नेताओं से निकटता रखते हैं। 
उत्तर- एेसा नहीं है कि मेरी भाजपा विरोधी नेताओं से निकटता रही है। मैं राष्ट्रहित की बात करता हूं। राजनीतिक संबंध और आपसी संबंध दो अलग-अलग बातें होतीं हैं। मैंने कभी किसी व्यक्ति को नहीं, पार्टी को तवज्जो दी है। आडवाणी जी के कैंप का रहा हूं और पार्टी के साथ वफादारी आज भी है। मैं आडवाणी जी को नहीं छोड़ूंगा। दर्द होता है देखकर कि इस तरह से दरकिनार किया जाता है।
प्रश्न- नीतीश कुमार जब महागठबंधन का हिस्सा थे तो आपकी उनसे मुलाकात होती थी, अब नहीं होती, एेसा क्यों? 
उत्‍तर- नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं। वे अच्छे दोस्त हैं। उनसे मिलना कम नहीं हुआ है। हां, आज के माहौल को देखते हुए किसी से मिलना भी हो तो लगता है कि इसके क्या कयास लगाए जाएंगे।
प्रश्न- आपको मुख्‍यमंत्री पद की पेशकश की गई थी। लेकिन आप नहीं बने। क्यों?  
उत्तर- हां, मुझे पहले कई बार कहा गया कि बिहार का मुख्‍यमंत्री बनूं, लेकिन मैं केंद्र में रहकर बिहार और देश दोनों के लिए काम करना चाहता हूं। मैंने कभी एेसी ख्वाहिश नहीं की कि मैं मुख्‍यमंत्री बनूं। अगर मुझे अब भी मौका मिलता है तो मैं केंद्र में ही रहना चाहूंगा।

प्रश्न- आप 10 साल से पटना साहिब से सांसद हैं। पटना के लिए आपने क्‍या किया ?

उत्तर- मैं अपने काम की कभी गिनती नहीं करता, न ही प्रचार करता हूं। पटना में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्स) शत्रुघ्न सिन्हा की ही देन है। इसके लिए नीतीश कुमार ने भी तारीफ की थी। पटना के लिए बहुत सारे काम किए जो आप चाहें तो सरकारी विभागों से पता कर सकतीं हैं। काम को बोलना चाहिए, न कि आप अपनी खुद की तारीफ करते रहें। काम किया तभी जनता ने भी सर-आंखों पर रखा है।
प्रश्न- आप चाहें कुछ भी बोलें, विवाद तो फंसता ही है। क्‍या शत्रुघ्‍न सिन्‍हा विवादित बातें ही करते हैं या विवाद बस हो जाता है ?
उत्तर- मैं चिकनी-चुपड़ी बातें नहीं करता। मेरे बयान का अगर कोई उल्टा मतलब निकाल ले तो इसका मैं क्या कर सकता हूं? मैं अपना काम करता हूं और मुझे जो गलत लगता है, उसकी आलोचना करता हूं। जो अच्छा लगता है मैं तब तारीफ भी करता हूं।
प्रश्न- महिला दिवस के मौके पर देश की महिलाओं को क्या संदेश देंगे? 
उत्तर- आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी मजबूत दखल दे रही हैं। कोई भी क्षेत्र उनसे अछूता नहीं है। फख्र होता है ये देखकर। आपको बता दूं कि जब मेरी बेटी सोनाक्षी ने फिल्मों में जाने का फैसला किया तो लोगों ने कहा कि बेटी को फिल्मों में भेजेंगे? मैंने कहा कि जब मेरे बेटे काम कर सकते हैं तो बेटी क्यों नहीं? सोनाक्षी मेरे लिए ईश्वर के वरदान की तरह है। मुझे बेटियां बहुत प्यारी हैं।





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