इसलिए ब्राह्मण-भूमिहार की पार्टी में चल रहा है ‘बनिया राज’

वीरेंद्र यादव.पटना. बिहार भाजपा ब्राह्मण-भूमिहार की पार्टी मानी जाती है। इसे हम बी थ्री यानी ब्राह्मण, भूमिहार व बनिया की पार्टी कहते रहे हैं। इस पार्टी को चलाते ब्राह्मण-भूमिहार हैं और ढोते बनिया हैं। वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्ता भाजपा और बनिया की अंतर्संबंध पर एक रोचक कहानी सुनायी थी। संदर्भ भाजपा के सदस्यता अभियान का था। सदस्यता अभियान के दौरान आमतौर पर कहा जाता है- ‘भाजपा का मेंबर बनिये।’ दूसरे शब्दों में इसे यह मान लिया जाता है कि बनिया समाज भाजपा का ही मेंबर है।  लेकिन भाजपा में ‘बनिया राज’ चल रहा है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह की ‘बनिया जोड़ी’ देश चला रही है। बिहार भाजपा में भी ‘बनिया राज’ चल रहा है। इसे आप ‘सुशील राज’ भी कह सकते हैं। पिछले ढाई दशक से सुशील मोदी ही पार्टी चला रहे हैं, जबकि संगठन के स्तर पर भूमिहार-ब्राह्मण का कब्जा है। यदि मोदी पार्टी पर छाये हुए हैं तो इसे आप बजट सत्र के बाद उनकी प्रेस वार्ता को देखकर आसानी से समझ सकते हैं। सुशील मोदी आंकड़ों का ‘कारखाना’ चलाते हैं। यही कारखाना उनको भाजपा के लिए अपरिहार्य बना रखा है। आंकड़ों के प्रोडक्ट को बेहतर पैकेजिंग के साथ पेश कर हर बार नया बना देते हैं।
आज की पीसी से उनकी ‘पैकेजिंग और मार्केटिंग’ को आसानी से समझा जा सकता है। पत्रकारों के बीच बांटी गयी फाइल में बजट भाषण की पूरी कॉपी, बजट हाईलाइट्स, बजट भाषण में इस्तेमाल की गयी शायरी और बजट की प्रमुख घोषणाओं की कॉपी शामिल थी। पत्रकार वार्ता में योजनाओं और सूचनाओं से जुड़ी सामग्री और उपलब्ध कागजों का पेज नंबर भी बता दे रहे थे, ताकि डाटा तलाशने में परेशानी नहीं हो। बजट सामग्री के साथ अन्य दस्तावेज भी पत्रकारों को दिया गया। जितना एंगल पत्रकार बना सकते हैं, सबकी सामग्री और संदर्भ भी उपलब्ध करा दिया गया। अपनी बातों में वे उन्हीं बातों को फोकस कर रहे थे, जिसे समाचार का एंगल बनाया जा सकता है। बजट भाषण के दौरान इस्तेमाल किये गये शायरी का उपयोग खबरों के साथ करने का आग्रह भी उन्होंने किया।
सुशील मोदी की इस पूरी तैयारी के पीछे उनका मार्गदर्शन और आधा दर्जन सहयोगियों की टीम काम करती है। आंकड़ों की अपडेटिंग, रिफरेंश, न्यूज ड्राफ्टिंग से लेकर कार्डिनेशन तक के काम में कई लोग लगे रहते हैं। इन सब का समन्वित प्रयास का असर पीसी से लेकर व फेसबुक और ट्विटर तक में दिखता है। सुशील मोदी की यही ताकत उन्हें ब्राह्मण-भूमिहार की पार्टी में निर्विकल्प बनाये हुए है।
करीब दोपहर 2 बजे वित्त मंत्री का विधान सभा के पोर्टिको में दोनों सदनों के एनडीए के सदस्यों ने स्वागत किया। इसके बाद सदन में पहुंच श्री मोदी ने बजट भाषण पढ़ा। 104 पन्ने के बजट भाषण में से 17 पन्ना मोदी पढ़े और फिर पूरे भाषण को सदन पटल पर रख दिया गया।





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