अब पहले जैसे विदेशी सैलानी नहीं आ रहे हैं सोनपुर के मेले में
हाजीपुर.बिहार के सारण और वैशाली जिले की सीमा पर ‘मोक्षदायिनी’ गंगा और ‘नारायणी’ गंडक नदी के संगम पर ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाले हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला न केवल देशी पर्यटकों को, बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित कर रहा है। लेकिन अब यहां पहले जैसे विदेशी पर्यटक नहीं आ रहे हैं. मेले में इस वर्ष अब तक 29 विदेशी पर्यटक पहुंचकर आनंद ले चुके हैं। वर्तमान समय में कनाडा के दो पर्यटक मेले में आनंद ले रहे हैं। पिछले वर्ष करीब 32 विदेशी पर्यटक इस मेले को देखने पहुंचे थे, जिसमें अधिकांश इटली और जापान के रहने वाले थे। अपने गौरवशाली अतीत को संजोए हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में पर्यटन विभाग भी विदेशी सैलानियों को लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। विदेशी पर्यटकों को सुसज्जित पर्यटक ग्राम में बने स्विस कॉटेजों में ठहराया गया। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाला यह मेला इस वर्ष दो नवंबर को शुरू हुआ है और अब तक 29 विदेशी पर्यटक इस मेले में पहुंचे हैं। इन विदेशी सैलानियों को ठहरने के लिए मेला परिसर में बनाए गए ‘पर्यटक ग्राम’ में आधुनिक सुख-सुविधा वाले ग्रामीण परिवेश में लगने वाले 20 स्विस कॉटेजों का निर्माण कराया गया है। स्विस कटेज के प्रबंधक अमित प्रकाश ने बताया, अब तक 29 विदेशी सैलानी मेले का लुत्फ उठा चुके हैं। इनमें सबसे अधिक 16 सैलानी जापान से आए हैं, जबकि इटली से पांच, फ्रांस से चार तथा कनाडा व हॉलैंड के दो-दो सैलानी शामिल हैं।
बिहार पर्यटन विकास निगम का दावा है कि इसके अलावे कई विदेशी सैलानी पटना और हाजीपुर के विभिन्न होटलों में रहकर मेला का आनंद उठाने भी यहां पहुंच रहे हैं। यह दीगर बात है कि इस वर्ष ‘चिड़िया बाजार’ और घुड़दौड़ व हाथीस्नान नहीं होने के कारण कुछ पर्यटक निराश भी लौट गए।
वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है कि इस विश्व प्रसिद्ध मेले का आकर्षण सिर्फ राज्य और देश के सैलानियों को ही नहीं, बल्कि सात समुंदर पार दूसरे देशों के भी सैलानियों में ही है।
अमित ने बताया कि ग्रामीण परिवेश में तैयार किए गए इन कॉटेजों में आधुनिक सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। वे कहते हैं कि आधुनिक रूप से बनाया गया शौचालय तो है ही कॉटेज में ही पर्यटन ग्राम में ही रेस्टोरेंट और पार्किंग की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि पर्यटक ग्राम में स्विस कॉटेज अब तक किसी दिन खाली नहीं है, पर आगे के विषय में नहीं कहा जा सकता। वे कहते हैं कि इस वर्ष विदेशी सैलानियों के मामले में पिछले वर्ष से ज्यादा सैलानियों के पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि स्विस कॉटेज में सूप और टोकरी से बनी ‘फर्स्ट लाइटिंग’ और ‘ग्लोब लाइटिंग’ को विदेशी सैलानी काफी पसंद कर रहे हैं। करीब एक महीने तक चलने वाले इस मेले में आए विदेशी सैलानी भी मेले के बाजारों को देखकर आश्चर्यचकित हैं। कनाडा से अपनी पत्नी के साथ सोनपुर मेला देखने आए जेम्स ब्रेडबुरी ने कहा, “वंडरफुल (अद्भुत)! है। सोनपुर मेले के बारे में बहुत कुछ सुन रखा है, मैं यहां ‘चिड़िया बाजार’ के भी विषय में सुन रखा था, लेकिन वह इस साल नहीं लगा है। हालांकि अन्य चीजें भी हैं। वंडरफुल सोनपुर मेला।”
यह मेला तीन दिसंबर तक चलेगा।
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