भाजपा में क्यों नहीं है इकोसिस्टम!

भाजपा में क्यों नहीं है इकोसिस्टम!

संजय तिवारी

मोदी कांग्रेस इकोसिस्टम की बात खूब करते हैं तो फिर बीजेपी का कोई इकोसिस्टम क्यों नहीं बनता? बनता भी है तो वह कांग्रेस के इकोसिस्टम जितना ताकतवर क्यों नहीं हो पाता?

एक लाइन में जवाब सुनना हो तो यह है कि मोदी ने बनने नहीं दिया। बीचे आठ सालों में मोदी ने अपना इकोसिस्टम तो बनाया लेकिन बीजेपी का कोई इकोसिस्टम बनने नहीं दिया।

विस्तार से जानना हो तो ऐसे समझिए कि सरकारी संसाधन का कुछ हिस्सा जब समर्थकों तक पहुंचता है तो उसी से उस पार्टी का इकोसिस्टम बनता है। इसमें अब तक मुख्य भूमिका पीएसयू आदि की रही है जो अपने सीएसआर फंड का एक हिस्सा ऐसे संगठनों, समूहों, पत्रिकाओं, बौद्धिक कार्यक्रमों पर खर्च करती रही हैं जिन्हें मोदी इकोसिस्टम कहते हैं।

अब हुआ यह कि जब से मोदी आये उन्होंने ये सारा पैसा अपने पीएम केयर्स या चंद कॉरपोरेट घरानों या फिर कुछ बड़ी संस्थाओं की ओर मोड़ दिया। डो पार्टी या विचारधारा को मजबूत कर सकते थे ऐसे बीजेपी समर्थक आठ नौ साल से खाली थैली लिए घूम रहे हैं। किसी मंत्रालय में एप्रोच भी करते हैं तो पता चलता है पैसा तो मोदी जी की ओर चला गया है। वही तय करते हैं कि पीएसयू या फिर मंत्रालय के ऐसे फंड को कैसे खर्च करना है।

जो लोग मोदी मोदी कर रहे हैं या तो वो सोशल मीडिया के लोग हैं जो अपना खर्चा आप निकाल रहे हैं या मीडिया के लोग हैं जिनको किसी न किसी कारण से बहुत कुछ करना पड़ रहा है। इनको आप इकोसिस्टम नहीं कह सकते। मीडिया हो या सोशल मीडिया ये वर्तमान को प्रभावित करते हैं इतिहास नहीं बना पाते।

अत: जहां तक बीजेपी के इकोसिस्टम की बात हो तो बीजेपी का इकोसिस्टम मोदी ने बनने ही नहीं दिया। इसलिए ये सारा शो मोदी शो है इसमें बीजेपी का ग्राफ बहुत लो है। मोदी के हटते ही सबसे तगड़ा झटका पार्टी के रूप में बीजेपी को ही लगनेवाला है।

जहां तक मोदी के इकोसिस्टम की बात है तो वह बहुत तगड़ा है। इसमें पूरा सरकारी तंत्र तो है ही, निजी संस्थान भी कई स्तर पर शामिल हैं जो मोदी के लिए माहौल बनाने का काम करते हैं। लेकिन उनका कमिटमेन्ट मोदी के लिए ही है, भाजपा के लिए बिल्कुल नहीं।






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