पावरफुल पद पर बैठे कमजोर क्यों साबित हो रहे हैं बिहार विधानसभा के स्पीकर

– स्पीकर पर सीधे-सीधे सवाल उठाना बिहार विधासनभा में नया ट्रेंड
मंत्री सम्राट चौधरी ने स्पीकर को व्याकुल नहीं होने की बात कह दी

– डिप्युटी सीएम तारकिशोर प्रसाद भी स्पीकर विजय सिन्हा पर आरोप लगा चुके हैं

– नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी भी कह चुके हैं कि सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है

पटना. बिहार विधानसभा (Bihar Vidhan Sabha) में जिसको मन करता है, वो सीधे-सीधे स्पीकर पर सवाल उठा देता है। दरअसल सदन में कोई भी बात रखने के नियम है। उसका समय भी रहता है। सदन के सदस्य कई बार अपनी बात नहीं रख पाते हैं तो उनका लगता है कि स्पीकर (Bihar Assembly Speaker) के वजह से वो नहीं बोल पा रहे हैं। तो सीधे-सीधे आसन पर सवाल उठा देते हैं। बिहार विधानसभा में पिछले एक हफ्ते से स्पीकर की कुर्सी पर विधायक और मंत्री सवाल उठा रहे हैं। जब ना तब स्पीकर पर उंगली उठा देते हैं। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के विधायक शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सवाल उठाया था। मगर सम्राट चौधरी ने सारी सीमाएं तोड़ी दी।

सर्वोच्च पद कमजोर क्यों दिख रहा?
किसी सदन में उसका स्पीकर सर्वेसर्वा होता है, सदन का सर्वोच्च पद है। आसन यानी अध्यक्ष से विधायक और मंत्री अपनी बात कहने के लिए अनुरोध करते रहते हैं। मगर बिहार में ट्रेंड बदल गया है, सीधे-सीधे विधानसभा अध्यक्ष पर ही सवाल उठा दिया जाता है। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के विधायक शामिल हैं। भाजपा कोटे के मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने तो धमकी वाले अंदाज में विधानसभा अध्यक्ष से बात की। ऐसा लग रहा था वो डांट-फटकार लगा रहे हों। अध्यक्ष ने आखिरकार सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सदन छोड़ कर चले गए। 

विधानसभा में हुआ क्या था?
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी से बीजेपी विधायक विनय बिहारी ने सवाल पूछा था। आसन से इसका जवाब देने के लिए कहा गया। सम्राट चौधरी जवाब देने के लिए खड़े हुए तभी स्पीकर विजय सिन्हा ने ऑनलाइन जवाब नहीं आने पर मंत्री से सवाल कर दिया।
विजय सिन्हा- आपका ऑनलाइन जवाब नहीं आ रहा है…
सम्राट चौधरी- ऑनलाइन है…पता करा लीजिए आप

विजय सिन्हा- इसका भी नहीं है
सम्राट चौधरी- एकदम ऑनलाइन है…16 जवाब में 14 जवाब ऑनलाइन है अध्यक्ष महोदय…जानकारी…आप पता कीजिए
विजय सिन्हा- अभी तक नहीं मिला है…
सम्राट चौधरी- 16 में 14 जवाब ऑनलाइन है…ये मैं बता रहा हूं…
विजय सिन्हा- माननीय मंत्री जी सुन लीजिए…9 बजे तक मेरा कार्यालय सारे ऑनलाइन जवाब निकाल लेता है…और 16 में मात्र 11…69 पर्सेंट जवाब ही आपका आया है।
सम्राट चौधरी- 11 जवाब कार्यालय से आया होगा…
विजय सिन्हा- आप अपने विभाग में थोड़ा समीक्षा कर लीजिएगा…
सम्राट चौधरी- नहीं-नहीं ठीक है…बहुत व्याकुल नहीं होना है, आंशिक स्वीकारात्मक है…
विजय सिन्हा- …एक चीज…आप वापस लीजिए इस शब्द को…माननीय मंत्री जी वापस लीजिए इस शब्द को…
सम्राट चौधरी- ऐं…(अंगुली दिखाते हुए)…आप अध्यक्ष जी…अध्यक्ष जी…ऐसे नहीं चलता है…ऐसे अध्यक्ष जी नहीं होता है…अध्यक्ष जी इस तरह का डायरेक्शन नहीं चलता है…
विजय सिन्हा- व्याकुल होना…आप आसन को नहीं कह सकते हैं…
सम्राट चौधरी- इस तरह का डायरेक्शन लगातार…
विजय सिन्हा- आसन को नहीं कह सकते हैं व्याकुल होना…
सम्राट चौधरी- आप अध्यक्ष जी इस तरह नहीं कर सकते हैं…
विजय सिन्हा- ऑनलाइन नहीं…आसन नहीं पूछेगा तो कौन पूछेगा…
सम्राट चौधरी- ऐसा नहीं चलेगा…बहुत व्याकुल नहीं होइए…
इसके बाद स्पीकर विजय सिन्हा असहज हो जाते हैं और सदन को स्थगित कर देते हैं।

भरे सदन में जब सबसे सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति के साथ ही इस तरह का सलूक हो रहा था को पूरा सदन सन्न था। मंत्री सम्राट चौधरी जिस तेवर में विधानसभा अध्यक्ष से बात कर रहे थे, मानो अपने विभाग के किसी कर्मचारी से बात कर रहे हों। विजय सिन्हा ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी और आसन से चले गए।

डिप्युटी सीएम भी उठा चुके हैं स्पीकर पर सवाल
दो दिन पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंत्रियों की योग्यता पर सवाल उठाया था। तब उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) ने कहा था कि ये हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। लगातार नेता प्रतिपक्ष मंत्रियों का सदन के अंदर अपमान कर रहे हैं और आसन बेवजह उन्हें संरक्षण प्रदान कर रही है। सदन सबके लिए है, किसी एक लिए नहीं, हम यहां जलील होने के लिए नहीं बैठे हैं।

तेजस्वी यादव भी आसन पर लगा चुके हैं आरोप
इसके पहले तेजस्वी यादव (Tejswi Yadav) कह चुके हैं कि सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है। दरअसल सदन में अपनी बात रखने के कुछ कायदे-कानून है। तथ्यों के आधार पर बातें की जाती है। मगर विधायक सदन को जनसभा का मंच बनाने पर तुले रहते हैं। हर बात पर अटेंशन चाहते हैं। इसकी वजह से बिना सिर-पैर की बातें जोर पकड़ लेती है और माहौल बेहद गर्म हो जाता है। मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा था कि आसन के ऊपर टिप्पणी या पक्षपात का आरोप लगाना बेहद आपत्तिजनक है। इस मामले को आसन बेहद गंभीरता से लेता है। संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति के आचरण को जनता भी देखती है, ऐसे में पक्ष हो या विपक्ष किसी को इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।

कौन हैं बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय सिन्हा 
बिहार विधानसभा में पहली बार कोई बीजेपी का विधायक स्पीकर की कुर्सी पर है। इससे पहले वे (Vijay Sinha) राज्य सरकार में श्रम संसाधन मंत्री रह चुके हैं। विजय सिन्हा लखीसराय से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। 1987 में बेगूसराय के बरौनी पॉलिटेक्निक कॉलेज से तालीम हासिल कर इंजीनियर बनने की सपना देख रहे थे। इनकी रुचि सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक कार्यों में शुरू से रही है। बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। बाढ़ के एएन कॉलेज में पढ़ते हुए 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय हो गए। इसी का नतीजा हुआ कि पॉलिटेक्निक कॉलेज में पढ़ते हुए 1985 में राजकीय पॉलिटेक्निक मुजफ्फरपुर छात्र संघ के अध्यक्ष बनाए गए। इसके बाद जो राजनीतिक सफर शुरू हुआ, आजतक जारी है।






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