अकबरनामा लिखने वाला अबुल फज़ल क्या हिन्दू था ?

मासिर–उल-उमरा के अनुसार अबुल फज़ल हिन्दू था,मूर्तिपूजक था अन्यथा गैर मुस्लिम अवश्य था. अकबरी दरबार के अनुसार अबुल फज़ल एक बहुत बड़ा तत्वज्ञ पंडित था, बादशाह अकबर ने जब अपने शहजादा मुराद को कुछ धार्मिक पुस्तक पढने को दिया तो अबुल फज़ल को उसके अनुवाद के लिए नियुक्त किया. पर्शियन में लिखी एक विशिष्ट आयत का अनुवाद अबुल फज़ल ने कुछ प्रकार किया. उसने विस्मिल्लाह की स्थान पर लिखा ‘ हे इश्वर तेरा नाम जीसस क्राइस्ट है, उसके भाई शेख फैजी, जिसने ‘लीलावती’ का अनुवाद फारसी में कर इस्लाम के तत्कालीन अनुनाइयों को हिन्दू दर्शन की महत्ता से अवगत करवाया था, ने अनुवाद किया कि ‘ हे इश्वर तू पवित्र है . अबुल फज़ल दिन रात अग्नि प्रज्वलित रखता था .पिता शेख मुबारक की मृत्यु पश्चात उसने और उसके भाई फैजी ने सिर का मुंडन करवाया था. हिन्दुओं से उसका चोली दामन का साथ था . एक हिन्दू को जब शेख सदर ने शरियत का हवाला दे कर जब मरवा दिया तो अबुल फज़ल ने उसका विरोध किया था . कुछ लोगों ने अकबर को कुछ ‘टीकाएँ’ यह कहते हुए भेंट की थी कि वे अबुल फज़ल एवं उसके पिता द्वारा लिखित हैं .
आखिर कौन था -हेमू ?
शोध कर्ता : सुबोध गुप्ता
रौनियार सेवा संसथान (दिल्ली)
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