बोले तेजस्वी यादव, कहा, जो चल रहा है, मीडिया में ही चल रहा है, नहीं दूंगा इस्तीफा

राष्ट्रपति चुनाव के बाद हो सकता है तेजस्वी पर फैसला, इस्तीफे का है भारी दबाव
पटना. आज देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव लिए वोट डाले जाएंगे लेकिन राजनीति के मैदान में सबकी नजरें बिहार पर भी टिकी होंगी. राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बारे में फैसला किए जाने के आसार हैं. तेजस्वी यादव के खिलाफ दर्ज एफआईआर से शुरू हुआ राजनीतिक संकट जल्द ही कोई नया मोड़ ले सकता है. सूत्रों के मुताबि़क लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू-दोनों ही दोनों ही इस मामले में कोई फैसला करने के लिए राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. लिहाजा आज राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद तेजस्वी मामले में कोई निर्णय आ सकता है. नीतीश कुमार तेजस्वी को बर्खास्त कर सकते हैं या फिर तेजस्वी को इस्तीफा देना पड़ सकता है. ऐसी अटकलें तेज हैं कि तेजस्वी के इस्तीफे की हालत में आरजेडी नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती है.
आरजेडी ने फिर किया तेजस्वी का बचाव
इस बीच आरजेडी ने रविवार को भी तेजस्वी यादव का जमकर बचाव किया. आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, सीबीआई, ईडी और आईटी तीनों एजेंसियां भाजपा के पते से चल रही हैं. नीतीश की छवि है तो तेजस्वी की भी छवि है पौने दो साल में एक भी आरोप नहीँ है. नीतीश जी गंभीर आदमी हैं वो तेजस्वी पर लगे आरोपों की सच्चाई जानते हैं.
खुद तेजस्वी यादव भी कैमरे के सामने आये तो देश में इमरजेंसी जैसे माहौल का हवाला देकर विपक्षी एकता की बात करते रहे. इस्तीफे से जुड़े सवालों को उन्होंने टाल दिया. महागठबंधन में शामिल तीसरी पार्टी कांग्रेस भी चाहती थी कि राष्ट्रपति चुनाव तक कोई बड़ा फैसला न हो. ऐसे में ये भी देखना होगा कि राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस क्या करती है. कांग्रेस का अब तक यही कहती आ रही है कि बिहार में महागठबंधन हर हाल में कायम रहना चाहिए. कांग्रेस भले ही नीतीश-लालू को साथ देखना चाहती हो, लेकिन क्या इसके लिए वो लालू यादव को बेटे का इस्तीफा दिलाने के लिए तैयार कर पायेगी ये सवाल भी चर्चा में हैं कि क्या नीतीश कुमार की स्क्रप्टि तय हो चुकी है कहीं ऐसा तो नहीं कि तेजस्वी तो सिर्फ बहाना है और नीतीश को बीजेपी के साथ जाना है
सोनिया गांधी से मिलने नहीं जाएंगे नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री इस बात से नाराज हैं कि तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार के मामले पर विचार-विमर्श करने के लिए उनसे मुलाकात की कोशिश तक नहीं की, जबकि कांग्रेस का मानना है कि दोनों ही पक्ष-तेजस्वी और नीतीश – अड़ियल रुख अपनाए हुए हैं. संकट की विशालता को भांपते हुए – और उसे खत्म करने में होने वाली दिक्कतों को पहचानते हुए नीतीश कुमार ने इस सप्ताह होने वाले अपने दिल्ली दौरे को रद्द कर दिया है. हालांकि इस दौरे का एजेंडा अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से मुलाकात करना था, लेकिन माना जा रहा था कि इसके साथ ही वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे, ताकि दिखा सकें कि उन्होंने मौजूदा गठबंधन को खत्म करने से पहले सभी विकल्पों को आजमा लिया था.






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