शहाबूद्दीन की रिहाई बिलकुल न्यायिक मसला था : वशिष्ठ नारायण सिंह

वशिष्ठ नारायण सिंह  (JDU President Bihar)

मुझे एक बार फिर से आपलोगों ने संगठन के प्रदेश -अध्यक्ष के रूप में स्वीकार किया है,इसके लिए आपलोगों के प्रति दिल से आभार व्यक्त करता हूँ। इस अवसर में,मैं उन सभी कार्यकर्ताओं को अपना सहयोगी मानता हूँ,जिन्होनें विगत वर्षों में पार्टी और संगठन के प्रति अपनी पूरी ईमानदारी और श्रद्धा दिखाई है। हम उम्मीद करते हैं कि आनेवाले दिनों में हम सभी अपने समूहिक प्रयास के जरिये संगठन को राष्ट्रिय स्तर पर एक नया मुकाम व व्यापक विस्तार देंगे।

इस समय देश के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर संकट है। हमें बाहरी ताकतों से भी जमकर मुक़ाबला करना है और देश के भीतर गलत नीतियों के कारण उपजे मंहगाई,बेरोजगारी,भ्रष्टाचार, और अपराध से भी मुक़ाबला करना है। देश के भीतर पूँजीपतियों के बढ़ते वर्चस्व के मद्देनजर बाजार अनियंत्रित है। गरीबी रेखा में जीने वाली जनता भूख से परेशान है । महानगरों में नई नई बीमारियाँ अपनी जड़ें जमा चुकी है। ऐसे में हमें केंद्र सरकार की नीतियों पर प्रश्न उठाना समय की मांग दिखाई पड़ती है।

जिस ताम झाम और अकड़ के साथ यह सरकार सत्ता पर काबिज हुई थी,आज वह जनता के सामने सबकुछ खो चुकी है। गरीबों के बैंक-अकाउंट जरूर खोल दिये गए,लेकिन आजतक उसमें एक पैसा भी नहीं आया। गंगा की सफाई के नाम पर खूब डंका बजा,लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ। ऐसी सैकड़ों योजनाएँ हैं,जो शुरू तो हुई,लेकिन उसका हश्र क्या हुआ?यह बताने वाला आज कोई भी नहीं हैं। खैर..
इस बीच व्यापारिक घरानों और प्रतिष्ठानों की संपत्ति में जबर्दस्त वृद्धि हुई है। अंबानी और अडानी सरीके पूंजीपति मालामाल हैं। भला हो भी क्यूँ नहीं,जब देश का प्रधानमंत्री ही अंबानी के जियो सिम को बेचने लगे तो यह भयावह दृश्य मुझे हैरान बिलकुल नहीं करता है।

सच्चाई आज भी यही है कि देश के भीतर आज भी भय और असुरक्षा का माहौल व्याप्त है। केंद्र अपने वायदों से हमेशा मुकरती रही है। प्रधानमंत्री ने बिहार आकर जिस पैकेज की घोषणा की थी,वह आज भी हमें नहीं मिल पायी है। और तो छोड़ दीजिये चुनावी दौरा करने वाले पीएम चुनाव के बाद एक बार भी बिहार आना मुनासिब नहीं समझा। केंद्र से मिलने वाली राशि से हमें आशा थी कि हम अपने प्रदेश को कुछ बेहतर बना सकेंगे। इस समय देशी कालाधन के नाम पर सरकार के कोश में लगभग 30 हजार करोड़ की राशि आई है। हम आज भी केंद्र से यह अपील करते हैं कि वह अपना वादा पूरा करे और बिहार को उसके हिस्से की राशि आवंटित करे।

हमारे पास ‘परिवर्तन’ का एक विस्तृत और व्यापक संदर्भ है ,मगर केंद्र सरकार के लिए ‘परिवर्तन’ महज सनसनीखेज खुलासा है। वह हर एक घोषणाओं का मीडिया-मार्केटिंग करती रही है। वास्तविकता के नाम पर सब कुछ शून्य है। हमारे लिए परिवर्तन का संदर्भ बिहार की तरक्की है और उस दिशा में नीतीश जी के नेतृत्व में सरकार बहुत बेहतर कर रही है। हम शराबबंदी के मसले पर किसी तरह का सम्झौता नहीं करेंगे। हर घर तक बिजली,पानी,और पक्की सड़क की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। हम आगे शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए और बेहतर अवसर उपलब्ध करवा पाएंगे,ऐसी आशा है।

शहाबूद्दीन की रिहाई बिलकुल न्यायिक मसला था, लेकिन मीडिया और भाजपा ने जिस तरह से सरकार की छवि और हमारी नीयत पर प्रश्न उठाए,वह संदर्भ किसी से छुपा नहीं है। हमने त्वरित कारवाई कर सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई और जमानत को निरस्त करवाया ,लेकिन इस अवसर पर भाजपा ने अपना मुंह तह नहीं खोला,सरकार को धन्यवाद कहना तो बहुत दूर की बात रही। खैर,हमारी पार्टी सनसनी में विश्वास कतई भी नहीं करती।

एक चीज और भी बता दूँ कि इस समय केंद्र सरकार लगातार निजीकरण की ओर बढ़ रही है। रेल्वे की कई सुविधाओं को बाजार के अधीन किया जा चुका है। साफ सफाई,खान पान आदि आदि। गरीबों की लाइफ लाइन रेल्वे में भी सरकार प्रीमियम स्कीम ला रही है ,जिसे किसी भी तरीके से उचित नहीं ठहराया जा सकता। यह आम आदमी के जेब पर सीधे तौर पर डाका है।

आज हमने बिहार मे अपराध पर पूरा नियंत्रण कर लिया है, खासकर शराबबंदी के बाद। यह बात मैं नहीं संबन्धित प्रतिष्ठान कह रहे हैं। अपराध में हम देश में 22 वें पायदान पर हैं। हमसे ऊपर भाजपा शासित कई राज्य है,लेकिन सरकार इस सच्चाई को झुठलाने में लगी रहती है। भाजपा शासित राज्यों में अपराध पर कोई नियंत्रण नहीं है,यह सभी जानते हैं। बिहार शांति और समुन्नति के माहौल में विकसित हो रहा है ,और बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमने हाल में ही बेरोजगार युवकों के लिए एक पहल की है ‘आर्थिक हल युवाओं को बल’ के नाम से। आगे और भी कार्य करेंगे ।

नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम आने वाले दिनों में और बेहतर करेंगे,इसी आशा और विश्वास के साथ ………

from the facebook wall of Bashisthanarain Singh (JDU President Bihar)






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