दिवाली आते ही कुम्हारों के आए अच्छे दिन

Displaying swn ke liye photo 2.jpgदिवाली को ले मिट्टी के दिये की मांग बढ़ी, पिछले साल की अपेक्षा इसबार अधिक विक्री की उम्मीद;  कुम्हार जाति के लोग अब फिर पारंपरिक व्यवसाय शुरू होने से खुश

कोड़र गांव में मिट्टी के दिए बनाता कुम्हार
सीवान/बसंतपुर Biharkatha.com। चीन के बने सामानों के बहिष्कार को ले सोशल साइट्स पर चलाए गए अभियान का असर भी दिखने लगा है। कुम्हार जाति के लोग अपने परंपरागत व्यवसाय के फिर से शुरू होने से खुश हैं। पिछले कुछ सालों में प्लास्टिक के ग्लास व चीन के बने दिवाली पर जलाए जाने वाले दिए व अन्य सामानों के बाजार पर काबिज होने से कुम्हार जाति के लोग अपने परंपरागत व्यवसाय से दूर जा रहे थे। अब क्षेत्र में मिट्टी के कुल्हड़ व दिवाली के लिए दिए की मांग बढ़ने से कुम्हार जाति के लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।
कोड़र गांव के पारस पड़ित ने बताया कि इस साल दिवाली में दिए की अच्छी विक्री होने का अनुमान है। पिछले साल भी मांग की अपेक्षा दिए कम पड़ गए थे। क्षेत्र के कोड़र गांव के अलावा लहेजी, बरवां आदि गावों में मिट्टी के सामान बनते हैं।

क्रांतिकारी मोर्चा क्षेत्र में चला रहा चीन के सामान के बहिष्कार का अभियान
क्षेत्र में क्रांतिकारी मोर्चा के सदस्य गावों में घूमकर चीन के बने सामानों के बहिष्कार को ले अभियान चला रहे है। संयोजक पूर्व जिला पार्षद रामायण सिंह ने बताया कि मोर्चा के सदस्य गावों में घूमकर लोगों को इस संबंध में जागरूक कर रहे हैं। लोगों को दिवाली में मिट्टी के बने दिए जलाने व पर्यावरण के लिए बच्चों को पटाखों से दूर रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।






Related News

  • लोकतंत्र ही नहीं मानवाधिकार की जननी भी है बिहार
  • भीम ने अपने पितरों की मोक्ष के लिए गया जी में किया था पिंडदान
  • कॉमिक्स का भी क्या दौर था
  • गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र
  • वह मरा नहीं, आईएएस बन गया!
  • बिहार की महिला किसानों ने छोटी सी बगिया से मिटाई पूरे गांव की भूख
  • कौन होते हैं धन्ना सेठ, क्या आप जानते हैं धन्ना सेठ की कहानी
  • यह करके देश में हो सकती है गौ क्रांति
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com