नीतीश की मांग, 50 फीसदी से ज्यादा दें आरक्षण

नीतीश की मांग, 50 फीसदी से ज्यादा दें आरक्षण पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए संविधान में संशोधन होना चाहिए। आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा बढ़ाई जाए। निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण लागू होना चाहिए। निजी क्षेत्र का दायरा बढ़ रहा है। सार्वजनिक क्षेत्रों का भी निजीकरण किया जा रहा है। ऐसे में निजी क्षेत्रों में आरक्षण नहीं देना सामाजिक न्याय का माखौल उड़ाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में नौकरियों में 69 फीसीदी आरक्षण है, तो बाकी जगह यह लागू क्यों नहीं हो सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का मैं सम्मान करता हूं, लेकिन संसद में हम संविधान संशोधन कर नए प्रावधान लागू कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री शनिवार को विधान परिषद के सभागार में के. वीरमणि सम्मान 2015 प्राप्त करने के बाद अपना विचार रख रहे थे। सामाजिक न्याय की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पेरियार इंटरनेशनल संस्था की ओर से उन्हें यह सम्मान दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मुस्लिम और ईसाई में भी दलित हैं, जिन्हें अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। मैंने यह मुद्दा संसद में भी उठाया था। बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर कहा था कि नीतीश कुमार दलितों की हकमारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति की संख्या बढ़ेगी तो इनका आरक्षण क्यों नहीं बढ़ेगा।

मौलिक अधिकार नहीं है शराब पीना : मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीना लोगों का मौलिक अधिकार नहीं है। संविधान में भी इसकी चर्चा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि शराब नहीं पीएं। यह अच्छी चीज नहीं है। भले ही शराबबंदी से आज राजस्व का नुकसान दिख रहा है, लेकिन शराब का पैसा अब लोग अच्छी चीजों में लगाएंगे। इससे बाजार बढ़ेगा और टैक्स भी बढ़ेगा। इस तरह आगे चलकर राजस्व में भी वृद्धि होगी। विधायकों को भी कहा कि शपथ लेने के बाद अब वे शराब पीते हैं तो उसे देखने के लिए भी सदन की आचार समिति बनी हुई है।

लोगों की जुबान पर ताला लगाने की हो रही कोशिश :उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोला। कहा कि लोगों की जुबान पर ताला लगाने की कोशिश देश में हो रही है। जेएनयू का कन्हैया मामला इसका संकेत है। वोट के लिए लव जिहाद और गो माता का मुद्दा उठाया गया। फिर भारत माता की जय। मेक  इन इंडिया के बाद अब स्टैंड-अप इंडिया की बात हो रही है। यो लोग ले-डाउन इंडिया और स्लिम डाउन इंडिया बना देंगे। इनका तिरंगा से प्यार नया है। हमलोगों का इससे प्यार काफी पुराना है। चलिए कम-से-कम ये लोग तिरंगा को तो अपना लिए।

देश के ज्वलंत मुद्दे पर चुप नहीं बैठ सकता : समारोह में वक्ताओं द्वारा नीतीश कुमार के देश के नेतृत्व में आगे आने की बात कहे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इन सभी बातों से बचना चाहता हूं। बिहार के लोगों ने मुझे जो काम सौंपा है, उसे पूरा करना चाहता हूं। लेकिन, अगर देश के ज्वलंत मुद्दे पर मैं चुप भी नहीं बैठ सकता। सामाजिक न्याय के साथ विकास हमारा सिद्धांत है, इसे जारी रखूंगा। आज पूरा देश बिहार को देख रहा है।

हम बिहारियों का दायित्व है इसे और सुंदर बनाएं, ताकि देशवासियों को भी अच्छा लगे। उन्होंने कहा कि बिहार में बड़ी फैक्ट्रियां नहीं आईं, फिर भी राज्य का विकास दर दो अंकों में रहा।

ताड़ी बेचने वालों के लिए वैकल्पि रोजगार की व्यवस्था :मुख्यमंत्री ने कहा कि ताड़ी सूर्योदय के पहले स्वास्थ्यवर्द्धक होता है, लेकिन धूप निकलते ही उसमें मादक तत्व आ जाते हैं। तमिलनाडु में सबसे अधिक ताड़ के पेड़ हैं। वहां का अध्ययन किया जा रहा है। ताड़ी से जुड़े और इसे बेचने वालों के लिए वैकल्पि रोजगार की व्यवस्था एक साल के अंदर राज्य सरकार उपलब्ध करा देगी।

लोक शिकायत निवारण अधिकार पांच जून से : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून पांच जून से लागू हो जाएगा। छह जून से लोगों से शिकायत प्राप्त करने के लिए जिला, अनुमंडल और मुख्यालय स्तर पर काउंटर शुरू हो जाएंगे। from livehindustan.com






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