सियासी अखाड़े में बेटिकटों की भगदड़, गोपालगंज के हर विधानसभा में भतीरघात के आसार
बिहार कथा
पटना/गोपालगंज। चुनावी जंग में कूदने से पहले राजनीतिक दलों का आंगन अखाड़ा बन गया है। हर तरफ घमासान मचा है। टिकट बंटवारे से नाराज दावेदार या तो दूसरे दरबाजे पर दस्तक दे रहे हैं या बगावत का बिगुल फूंक रहे हैं। टिकट कटने के बाद वर्तमान विधायकों ने पाला बदल शुरू कर दी है। राजनीतिक दलों में भगदड़ जैसे हालात हैं। पार्टियों के बड़े नेता टिकट के दावेदारों से मिलने से परहेज कर रहे हैं। उनके आवास और पार्टी दफ्तरों पर धरना-प्रदर्शन का दौर जारी है।
टिकट कटने से नेताओं की नाराजगी भाजपा को भी झेलनी पड़ रही है। पहली सूची में 5, दूसरी सूची में 14 और तीसरी में एक विधायक मिलाकर अबतक 20 विधायकों के टिकट कट चुके हैं। वहीं हथुआ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की ओर टिकट के प्रबल दाबेदार राजेश कुमार सिंह और कृष्णा शाही ने पार्टी से बगावत करने का मूड बना लिया है। संभावना है कि राजेश कुमार सिंह निर्दलीय चुनाव मैदान में ताल ठोक सकते हैं। कृष्णा शाही तीसरे मोर्चा से मैदान में उतर सकते हैं। इस सीट के लिए भाजपा ने अच्छी खासी तैयारी की थी, लेकिन ऐन वक्त पर यह सीट हम के पाले में चली गई और हम ने डा. महाचंदर प्रसाद सिंह को यहां से टिकट दे दिया। महाचंदर प्रसाद भूमिहार जाति से संबंद्ध है। हथुआ में कोइरी और मुस्लिम ओर पिछड़ी जाति बाहुल्य इलाका है। वहीं गोपालगंज से वर्तमान विधायक सुभाष सिंह का टिकट नहीं कटने से वे लोग मायूस हैं जो अपने लिए टिकट के जुगत में थे। युवा दावेदार डा राजेश कुमार वर्णवाल यहां से निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं। वहीं कुचायकोट विधानसभा क्षेत्र से उमेश प्रधान समेत अन्य एक दो भाजपा नेताओं को किसी पार्टी से अथवा निर्दलीय चुनाव मैदान में आने के आसार हैं। भोरे सुरक्षित सीट से भाजपा विधायक इंद्रदेव मांझी का टिकट काटने के लिए कई नेता लामबंद थे। लेकिन मांझी का टिकट नहीं कटने से मायूस हैं। हालही में भाजपा का दामन थामने वाले सुदमा मांझी तीसरे मोर्चा से मैदानमें आ सकते हैं। इसके अलावा भाजपा के एक अन्य युवा नेता मैदान में उतरने का विचार कर रहे हैं। कुल मिलाकर गोपालगंज के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भीतरघात के आसार हैं। भाजपा की पहली सूची आने के बाद अपना नाम न होने से आहत पीरपैंती विधायक अमन कुमार ने जहां भागलपुर के एक पूर्व सांसद पर गंभीर आरोप लगाए, वहीं वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात की। तेघड़ा से बेटिकट हुए ललन कुंवर ने तो मुख्यमंत्री आवास जाकर नीतीश कुमार के समक्ष जदयू की सदस्यता भी ले ली। हालांकि वहां भी टिकट मिलता न देख उन्होंने जदयू की सदस्यता लेने से रविवार को इनकार कर दिया। मीडिया को दिए बयान में ललन ने कहा कि वे भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता हैं। दूसरी सूची में बेटिकट हुए 14 लोगों में से कई बगावती हो सकते हैं। अगले दो-तीन दिनों में उनके आगामी निर्णय सामने आएंगे।
लोजपा में सबसे अधिक नाराजगी
टिकट बंटवारे से उपजे असंतोष के कारण सबसे अधिक भगदड़ लोजपा में है। पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान के करीबी और वैशाली के सांसद रामा सिंह ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए दल से किनारा कर लिया है। रविवार को उन्होंने ऐलान किया कि वह लोजपा समेत एनडीए के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगे। उनका दावा है कि लोजपा को सभी 40 सीटों पर हार का सामना करना पड़ेग। दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष और लोजपा प्रमुख के दामाद अनिल कुमार साधु ने तो विरोध में ऐसा बिगुल फूंका कि उन्हें दल से ही निकालना पड़ा। दलित सेना के सभी जिला अध्यक्षों को भी श्री साधु का साथ देने के कारण पद से हटा दिया गया। पूरी प्रदेश कमेटी भंग कर दी गई। इसी के तुरंत बाद पूर्व विधायक और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राम नरेश सिंह ने लोजपा को अलविदा कह दिया।
हम के महासचिव ने दिया इस्तीफा
हम में भी बगावत के स्वर फूटने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास के समक्ष रविवार की दोपहर हम कार्यकर्ताओं ने टिकट देने की मांग को लेकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। टिकट बंटवारे में भेदभाव बरतने का आरोप लगाकर पार्टी के महासचिव पूर्व विधायक ओमप्रकाश पासवान ने इस्तीफा दे दिया। उधर भाजपा नेता महादलित आयोग के पूर्व अध्यक्ष उदय मांझी के समर्थकों ने भी श्री मांझी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। वे फुलवारीशरीफ सीट पर हम का दावा छोड़ने की मांग कर रहे थे। हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया कि सभी कार्यकतार्ओं और समर्थकों को समझा-बुझा कर वापस कर दिया गया। उदय मांझी के समर्थकों को अपनी मांगों के लिए भाजपा से आग्रह करने को कहा गया। उनका टिकट कटने के मामले से हम का कोई लेना-देना नहीं है। वैसे पार्टी में भगदड़ रोकने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भाजपा से तीन और सीटें मांगी है।
राजद में भी बगावत के स्वर
टिकट को लेकर राजद में भगदड़ की स्थिति बन गई है। हालांकि राजद ने अब तक प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन पार्टी सिम्बल का वितरण जारी है। बरूराज से राजद विधायक ब्रजकिशोर सिंह ने पहले ही भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं, जगदीशपुर विधायक भाई दिनेश ने टिकट कटने की सूचना के बाद पार्टी कार्यालय में दो दिन तक धरना दिया और पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
मोहिउद्दीनगर विधायक अजय कुमार बुलगानिन ने टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। दूसरी ओर, बड़हरा से विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह भी टिकट कटने बाद भाजपा से नजदीकी बढ़Þा रहे हैं। उजियारपुर विधायक दुर्गा प्रसाद टिकट कटने के बाद से लगातार क्षेत्र के दौरे पर है। वे स्थानीय लोगों का मन टटोल कर चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे हैं। इस्लामपुर से प्रत्याशी रहे वीरेन्द्र गोप ने रविवार को भाजपा का दामन थाम लिया और वह इस्लामपुर से भाजपा प्रत्याशी बना दिए गए। राघोपुर से टिकट कटने से नाराज जदयू विधायक सतीश कुमार भाजपा में शामिल हो गए। उन्हें भाजपा ने इसी सीट से प्रत्याशी बना दिया है।
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