बिहार चुनाव में पांच सबसे बड़ी चुनौतियां
मनीष शांडिल्य.पटना
बिहार विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है. बुधवार से पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन भी शुरू हो गया है. बिहार में 12 अक्तूबर से 5 नवंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होगा. बिहार के मुख्य चुनाव आधिकारी अजय नायक ने बीबीसी से खास बातचीत की.पढ़िए अजय नायक के मुताबिक चुनाव आयोग के सामने चुनाव प्रक्रिया से लेकर मतदान तक की पांच बड़ी चुनौतियां
सांप्रदायिक तनाव
मतदान त्यौहारों के मौसम के बीच होगा. दुगार्पूजा और मोहर्रम जैसे पर्व लगभग साथ-साथ हैं. ऐसे में चुनाव आयोग के सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि किसी भी तरह का सांप्रदायिक तनाव इस दौरान पैदा न हो. इसके लिए रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) की दस कंपनियां बिहार में तैनात की जा रही हैं. हालांकि रैफ की भूमिका चुनाव में नहीं होती है लेकिन यह भयमुक्त माहौल बनाने में मददगार होगा. साथ ही मतदान के दिन हर केंद्र पर केंद्रीय पुलिस बल के जवान तैनात किए जाएंगे.
मतदान प्रतिशत
बिहार में अन्य राज्यों की तुलना में मतदान प्रतिशत अब भी कम है. इसे बढ़Þना भी एक चुनौती है.अबकी बार आयोग ने मतदान प्रतिशत को बढ़Þाकर 70 फीसद तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. मतदान प्रतिशत बढ़Þाने के लिए विभाग कई तरह के जागरूकता अभियान चला रहा है.साथ ही कई तैयारियां की जा रही हैं. जैसे करीब डेढ़ करोड़ मतदाताओं को एसएमएस से चुनाव तारीख के बारे में बताया जाएगा.मतदान के पांच दिन पहले लोगों को फोटो वोटर स्लिप मुहैया करा दी जाएगी.और वोटिंग के दिन मतदान केंद्र और वहां तक पहुंचने के रास्ते के बारे में बताने के लिए एक मोबाइल एप डेवलप किया गया है.
अंतरराष्ट्रीय सीमा
नेपाल के रास्ते जो जाली नोट और दूसरे अवैध चीजें बिहार में आती हैं वो हमेशा की तरह इस बार भी एक चुनौती है. इससे निपटने के लिए इस बार दो फैसले लिए गए हैं.पहला, नेपाल सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों को चुनावी कार्य में नहीं लगाया जाएगा जिससे कि वे पूरी सतर्कता से सीमा की चैकसी कर सकें. दूसरा, बेहतर आपसी तालमेल के लिए नेपाल के उन जिÞलों के अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें की जा रही है जिनकी सीमा बिहार से सटती है.
आदर्श आचार संहिता
आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित कराना प्रमुख चुनौतियों में से एक है. धनबल, बाहुबल या फिर किसी तरह का लालच देकर मतदाताओं को प्रभावित करने की किसी भी तरह की कोशिशों से निर्वाचन विभाग बहुत सख्ती से पेश आएगा.
कांटे का मुकाबला
बिहार चुनाव में मुकाबला बहुत कांटे का माना जा रहा है. चूंकि केवल एक ही राज्य में चुनाव हो रहे हैं तो इस कारण भी सबकी नजरें बिहार चुनाव पर ही हैं. हर छोटी-बड़ी बात पर सबकी नजरें हैं. ऐसे में यह स्थिति भी आयोग के लिए एक चुनौती है कि चुनाव निष्पक्ष और शांति पूर्वक कराया जाए. from-मनीष शांडिल्य.पटना से, बीबीसी हिन्दी डॉट कॉम
Related News

मणिपुर : शासन सरकार का, ऑर्डर अलगावादियों का
(नोट : यह ग्राउंड रिपोर्टिंग संजय स्वदेश ने 2009 में मणिपुर में इंफाल, ईस्ट इम्फालRead More

सत्यजीत राय की फिल्मों में स्त्रियां
सत्यजीत राय की फिल्मों में स्त्रियां सुलोचना वर्मा (फेसबुक से साभार) आज महान फिल्मकार सत्यजीतRead More
Comments are Closed