भाजपा पर दबाव बनाने को पासवान, उपेंद्र कुशवाहा हुए एक, 243 में से मांगी 140 सीट, भाजपा नहीं दे रही भाव

ram bilash paswan bihar electionबिहार कथा. पटना/नई दिल्ली। राजग गठबंधन दलों में बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर बेचैनी बढ़ने लगी है। लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस और रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण कुमार ने सोमवार संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राजग के बीच सीटों का बंटवारा एक सप्ताह के भीतर कर लिए जाने की मांग करते हुए भाजपा से विधानसभा की कुल 243 सीटों में से 102 सीटों पर चुनाव लडने तथा बाकी अन्य 141 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ने का सुझाव दिया है। लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान और राष्टÑीय लोकसमता पार्टी सुप्रीमो और उपेंद्र कुशवाहा सूबे में सीट बंटवारे को लेकर एक हो गए। बड़े भाई भाजपा पर दबाव बनाना शुरू किया। फार्मूला निकाला गया कि भाजपा बिहार के जिन 140 सीटों पर आज तक चुनाव नहीं लड़ी है, उन सीटों को लोजपा-लोसपा में बांट दिया जाए। और शेष 103 सीटों पर भाजपा अपने प्रत्याशी उतारे। बिहार चुनाव से जुड़े भाजपा के वरिष्ठ नेता ने हरिभूमि से कहा, यह सब खेल चुनाव के समय चलता रहता है। साथी दल हैं अपना हक मांग रहे हैं। बंटवारा तो आपसी सहमति के आधार पर तय होगा। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व न तो अभी सीट बंटवारे पर कोई बात करने को तैयार है और न ही पार्टी प्रत्याशी पर ही कोई चर्चा हो रही है। upendra kushwaha bihar electionअंदरखाने जरूर सभी शीर्षासन चल रहे हैं। हालांकि औपचारिक तौर पर बताया गया कि चुनाव की घोषणा के बाद ही पार्टी अपने प्रत्याशी तय करने का काम शुरू करेगी। सीटों का बंटवारा साथी दलों के बीच कब होगा, अभी यह स्पष्ट नहीं। भाजपा के रणनीतिकारों को इस बात का इल्म है कि पासवान और कुशवाहा इस बात से घबराए हुए हैं कि जीतनराम मांझी सहित कुछ और साथियों के लिए सीट छोड़ने के चक्कर में कहीं उनके खाते में कटौती न हो जाए। अभी यह भी तय नहीं हो पाया है कि पप्पू यादव के उम्मीदवारों को किस तरह एडजस्ट करना है। पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता की माने तो भाजपा अपने कोटे से कुल 180 उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। मतलब शेष 63 सीटों पर ही लोजपा, लोसपा और मांझी, पप्पू यादव की पार्टी का कोटा निर्धारित किया जाएगा। लोकसभा चुनाव में लोजपा को 7 सीटें भाजपा ने दी थी जिनमें उनके 6 प्रत्याशी जीतकर संसद में पहुंचे जब कि लोसपा को 3 सीटें दी गई थी और वे सभी सीटें जीतने में कामयाब हुए थे। लोकसभा सीटो को अगर कसौटी माना जाए तो लोजपा को 24 से 30 सीट और लोसपा को 15-20 सीट दी जा सकती है।






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