ऊख से ओवरलोड बैलगाड़ी लाद पार कर रहे थे गंडर, नाव डूबी, सब बचे, बैल मरा
बिहार कथा. पश्चिमी चंपारण. पश्चिमी चंपारण के पिपरासी दियारा से खुली ओवरलोडेड नाव गंडक नदी में देर शाम में पलट गई। नाव पर ऊख (गन्ना) लदी दो बैलगाड़ी व एक दर्जन लोग सवार थे। यह गनीमत रहा कि सभी लोग तैरकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। किसी की जान नहीं गई। घटना की सूचना मिलते ही दियारे की पुलिस चौकी से सैप जवान मौके पर पहुंचे। जवानों ने बताया कि इस घटना में गाड़ीवान एवं बैल सुरक्षित हैं। ग्रामीणों के सहयोग से बैलगाड़ी एवं नाव नदी से बाहर निकाल ली गई है। यह घटना पिपरासी के डोमवलिया के पास की है। दियारे के किसान साधू यादव तथा महातम यादव अपना गन्ना चीनी मिल बगहा में आपूर्ति के लिए ला रहे थे। सैप जवानों ने बताया कि ओवरलोडिंग के कारण यह दुर्घटना हुई। हालांकि किसानों का गन्ना भी दूसरी नाव के सहारे नदी से बाहर निकाला जा चुका है। वहीं, बगहा में गंडक नदी के गोरियापट्टी घाट पर अवस्थित पीपा पुल से गन्ना लदी एक बैलगाड़ी पलट गई। इस दुर्घटना में गाड़ीवान बाल-बाल बचा, लेकिन बैल की मौत हो गई। ग्रामीणों के सहयोग से गन्ना लदी बैलगाड़ी व मृत बैल को नदी से बाहर निकाला गया। बताया जा रहा है कि बैलगाड़ी किसान श्यामनारायण यादव की थी। वह दियारे से तिरुपति शुगर मिल में गन्ना आपूर्ति करने आ रहे थे। गंडक नदी में पिपरासी के सामने प्रस्तावित पुल का निर्माण कार्य नहीं होने से किसानों में काफी आक्रोश है। हालांकि तिरुपति चीनी मिल की ओर से दियारे के गन्ने की आपूर्ति के लिए पीपा पुल का निर्माण कराया गया है। लेकिन वह पुल भी सुरक्षित नहीं है। किसान संतोष यादव, कमलेश यादव, गंगा महतो, कुंदन राम, अवध चौधरी विनोद यादव समेत सैकड़ों लोगों ने गंडक में प्रस्तावित पिपरासी-बगहा पुल निर्माण की मांग की है। इस पुल के निर्माण से लोगों को काफी सुविधा होगी। बता दें कि इसी साल मकर संक्राति के मौके पर पटना के गंगा नदी में नाव डूबने के कारण 24 लोगों की मौत हो गई थी।
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