सीवान : यहां खुलती है मेडिकल दावे की पोल, अस्पताल खुद है बीमार
महाराजगंज पीएचसी अस्पताल का हाल–बेहाल
दवाओं का अभाव, मरीज परेशान, चिकित्सको में मतभेद का दंश झेल रहे मरीज
सिवान/ महाराजगंज Biharkatha.com सरकार पीएचसी अस्पतालों व अनुमंडली अस्पतालों में मरीज को सभी सुविधा उपलब्ध कराने की दावा करती है। लेकिन महाराजगंज में राज्य सरकार के दावे फेल दिख रही है।गरीब लोग नि:शुल्क बेहतर इलाज हो, इसके लिए पर्याप्त दवा व डॉक्टर का होना आवश्यक है। अस्पताल में साफ – सफाइ का होना भी आवश्यक है। शौचालय की पूर्ण व्यवस्था रहनी चाहिए। लेकिन महाराजगंज पीएचसी में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की बात करना बेमानी कही जायेगी। पीएचसी में छ: पुरुष चिकित्सक हैं ।कई बर्षो से महिला डॉक्टर की नियुक्ति स्वस्थ बिभाग द्वारा नहीं किया गया।जिसके कारण महिलाओं के साधारण रोग में भी सीवान- छपरा व अन्य बाहर के अस्पताल में महंगे इलाज के लिए जाना पड़ता है। जीवन रक्षक दवाओं का भी घोर अभाव दिख रहा है। यहां तक कि अपात काल में सड़क दुर्घटना होने पर बाहर के दुकान से बैंडेज खरीद कर लाना पड़ता है। बिना चादर के हीं मरीज बेड लेट कर इलाज कराते हैं या लेटाने वाला कर्मचारी ध्यान ही नहीं देता।चिकित्सको के बीच विवाद अस्पताल परिसर मे कर्मचारियों के बीच चर्चा का बिषय बना हुआ है।पीएचसी अस्पताल में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अलावे चार डॉक्टर नियुक्त है।डॉ एस एस कुमार प्रभारी, डॉ अजय कुमार, डॉ योगेंद्र कुमार, डॉ राजेश कुमार, डॉ रवीशचंद्र के ड्यूटी रोस्टरवाइज है। बावजूद इसके डॉक्टरों की अनुपस्थिति की शिकायत मरीजो द्वारा की जाती है। अस्पताल सूत्रों का माने तो डॉ राजेश कुमार, डॉ राविषचंद्र राम छपरा से आते है।जिनके द्वारा अस्पताल में अनियमित ड्यूटी करने की शिकायत है। वही डॉ राजेश कुमार का माने तो प्रभारी व स्वास्थ्य प्रबंधक के द्वारा जो अस्पताल में व्यवस्था करनी है। वह दुरुस्त नहीं है।व्यवस्था पुख्ता करने के बात पर दोनों अधिकारी भड़क जाते है।अस्पताल में निवास करने के लिये कमरे नहीं है। बावजूद मैं और राविषचंद्र राम किराये पर कमरा लेकर अस्पताल की ड्यूटी रोस्टर वाइज करते है। मगर अस्पताल परिसर में हीं संक्रमण हटाने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग नदारद रहता है। पीएचसी में अर्ध निर्मित शौचालय की संख्या भी अच्छी खासी है। लेकिन पूर्ण निर्माण नहीं होने से मरीज को अस्पताल परिसर से बाहर सुलभ शौचालय का प्रयोग करना पड़ता है।अर्ध निर्मित शौचालय के इर्द -गिर्द गंदगी का अंबार लगा हुआ है।दवाओं के घोर का अभाव है। पीएचसी में लगभग 116 प्रकार की दवाएं रखनी है।मगर हाल फिलहाल में 16 प्रकार की हीं दवाएं उपलब्ध है पीएचसी के प्रभारी ने बताया कि प्रत्येक चिकिसको को प्रत्येक दिन आठ घंटा ड्यूटी करना है।डॉ राजेश कुमार, डॉ राविषचंद्र राम रोस्टर में गैप कर ड्यूटी करना चाहते है। जिससे अस्पताल के चिकित्सकीय काम में बाधा उत्पन्न होता है। इसी को लेकर दोनों डॉक्टर तथ्यहीन आरोप लगा रहे है।रह गयी बात अस्पताल में कम दवाई रहने के जिला को पत्र लिखा गया।
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