सहरसा : गला रेत कर बेखौफ मेले में घूमते रहे क्रिमनल, पुलिस अभी भी ‘सोयी’ है
संवाददाता, बिहार कथा।
सहरसा जिला के सोहा ग्राम में रात्रि के करीब 11 बजे कृष्णजन्माष्टमी के दिन आपसी रंजिश के कारण युवक की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई। कोरोना काल के चलते जहां सभी सामुहिक कार्यक्रम बंद है वहीं गांव में बिना प्रशासन की उपस्थिति के इतना बड़ा कार्यक्रम होना एक सवालिया निशान खड़ा करता है।
ज्ञात हो कि सूत्रें के अनुसार पता चला कि दिनांक 30 अगस्त को हरसाल की भांति इस साल भी गांव में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा था। इसीदौरान गांव के युवकों द्वारा मेले में भाग लेने की होड़ लगी थी किंतु रात्रि के लगभग 11 बजे अचानक से मेले में भगदड़ सी मच गई जब सभी को मेले से करीब 100 मीटीर की दूरी पर गांव के युवकों द्वारा मारपीट की घटना का पता चला। पुरानी रंजिश के कारण प्रेमजीत सिंह की हत्या गला रेत कर कर दी गई थी जिसका सीधा-सीधा आरोप अमर सिंह उर्फ टिंकुल नाम के युवक को माना जा रहा था, जिसका उससे पुरानी रंजिश चल रही थी। टिंकुल ने अपने दोस्तों के साथ मेले से लगभग 100 मीटर की दूरी पर करीब 5 से 6 दोस्तों के साथ (जो कुछ किराये पर गावं के बाहर से लाया गया था) गांव के ही चौक पे प्रेमजीत सिंह के साथ हाथापाई करते हुए तेज धारदार हथियार से उसकी गला रेत कर उसे मौत की नींद सुला दिया। मेले में पुलिस प्रशासन की उपस्थिति ना होने के कारण बदमाश बैखोफ मेले में भी घूमता रहा जिसे रोकने की साहस किसी ग्रामीण में नहीं हुई जिसका परिणाम कुछ ही मिनटों में सामने आ गया।
बताया जाता है कि 2004 के अंतराल में गांव के ही भूषण सिंह की पत्नी मीरा देवी अपने सबसे छोटे पुत्र रमन कुमार सिंह (अमर सिंह का छोटा भाई) का अपहरण कर हत्या का आरोप प्रेमजीत सिंह पे लगाई थी जिसमें प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रेमजीत सिंह को कोर्ट के द्वारा जेल भेज दिया गया था जो बाद में जमानत पर बाहर आया था। जो मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है। प्रेमजीत तनाव के कारण कई वर्षों से गांव में नहीं रहता था। प्रेमजीत सिंह की दो शादी है जिससे 3 पुत्री और 1 पुत्र है, जो अभी अपने परिवार के साथ रह रहा।
बिगत दिनों दिनांक 30 अगस्त को प्रेमजीत सिंह अपने फुफा के यहां विराटपुर गांव आया था जो अपने गांव के ही कुछ दोस्त के कहने पर जन्माष्टमी देखने अपने पैतृक गांव सोहा दोस्त के साथ आया और गांव में सभी से मिलने के बाद अपने दोस्त के साथ गंतव्य स्थान को जाते हुए 17 साल की लंबी अवधि के बाद पुरानी रंजिश का शिकार हो गया। बताया जाता है कि साजिश के तहत उसे पहले शराब पिलाई गई और फिर बाद में मारा गया। जिसका सीधा सीधा आरोप अमर सिंह उर्फ टिंकुल पर लगाया जा रहा जो स्वर्गीय रमण कुमार सिंह का बड़ा भाई है।
विडंबना यह है कि जहां सुशासन का हुंकार भरने वाली सरकार हो वहां सरेआम एक युवक की हत्या कर दी जाती और प्रशासन तमाशवीन बनकर बैठी रहती जिससे अपराधी बेखोफ धूमता रहता। आए दिन हथियार तस्करी और शराब का कारोबार खुलेआम पुलिस के नाक के नीचे हो रहा जिससे युवओं की दिलचस्पी अपराधा जगत में बढ़ता चला जा रहा और आम नागरिक डरे और सहमें हुए जीने को मजबूर है किंतु सरकार कुंभकरण की नींद से जग नहीं पा रही क्योंकि सरकार सत्ता के मद में इतना चूर हो चूंकि है कि विपक्षी पार्टियों द्वारा कई बार विधानसभा में प्रस्ताव लाने के बाद भी अपराध का ग्राफ नीचे नहीं आ रहा और बिहार फिर से आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बनता चला जा रहा जो ना कि प्रदेश के लिए और ना ही प्रदेश की जनता के लिए किसी भी रूप में स्वीकार और अच्छा है। अगर समय रहते हुए सरकार के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आए दिन आम आदमी का जीना दुस्वार हो जाएगा और अपराधी फिर एक बार अपनी साम्राज्य स्थापित करने में कामयाब हो जाएगा।
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