हथुआ कॉलेज में 60 एनसीसी कैडेटों का चयन
60 सीटों पर जमा हुए थे 101 आवेदन, 40 छात्र व 20 छात्राओं का हुआ चयन
बिहार कथा, हथुआ,गोपालगंज। गोपेश्वर कॉलेज हथुआ में बुधवार को 7 बिहार एनसीसी बटालियन,छपरा के तत्वावधान में नामांकन के लिए कैडेटों का चयन किया गया। नामांकन को लेकर छात्र-छात्राओं की भीड़ सुबह से ही कॉलेज परिसर में उमड़ने लगी। कठिन शारीरिक व बौद्धिक परीक्षा के बाद चयनित 40 छात्रों व 20 छात्राओं का नामांकन एनसीसी कैडेट के रूप में हुआ। कॉलेज में एनसीसी के लिए प्रथम चरण में निर्धारित 60 सीटों पर कुल 101 छात्र-छात्राओं ने आवेदन दिया था। एनसीसी के 40 छात्रों की सीट पर कुल 80 तथा छात्राओं के 20 निर्धारित सीट पर 21 आवेदन जमा हुए थे। इंटर व डिग्री प्रथम वर्ष के अभ्यर्थियों के कागजातों का सत्यापन कॉलेज के खेल मैदान में शुरू हुआ। जिसके बाद अभ्यर्थियों की हाइट,दौड़,मेडिकल टेस्ट,लिखित परीक्षा पास करने वाले छात्र-छात्राओं को चयन किया गया। कमांड ऑफिस छपरा के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल जितेन्द्र सिंह के नेतृत्व में संपूर्ण चयन प्रक्रिया पूरी की गयी। मौके पर एनसीसी ऑफिसर सूबेदार लक्ष्मण साह,रवीन्द्र कुमार सिंह,मनोज कुमार,बीएचएम रौशन कुमार,सीएचएम अजीत सिंह,एनसीसी ऑफिसर सह डॉ राजेन्द्र प्रसाद उच्च विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य नरेन्द्र मिश्र, कॉलेज के एनसीसी के नोडल ऑफिसर डॉ प्रकाश कुमार, प्रो.राजेश्वर बैठा आदि ने चयन प्रक्रिया का संचालन किया। प्राचार्य डॉ बैकुंठ पांडेय ने बताया कि 2012 से कॉलेज में एनसीसी के नियमों के अनुसार 40 वर्ष से कम के कोई शिक्षक नोडल ऑफिसर के रूप में नहीं थे। जिसके कारण एनसीसी यूनिट बंद थी। कॉलेज में शिक्षकों की कमी दूर होते ही एनसीसी के मापदंडों के अनुसार कॉलेज में एनसीसी ऑफिसर की नियुक्ति कर कॉलेज में छात्र-छात्रओं को उक्त संस्था के द्वारा प्रशिक्षण के लिए दो दिनों से आवेदन लिया जा रहा था। उन्होंने सफल छात्र-छात्रओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि एनसीसी के माध्यम से अनुशासन की सीख मिलती है। छात्र देश के भविष्य हैं। एनसीसी के माध्यम से सेना में भर्ती होने का मौका मिलता है।
छह वर्ष बाद हथुआ कॉलेज एनसीसी कैडेटों से होगा गुलजार : छह वर्ष बाद एक बार फिर एनसीसी कैडेटों के प्रशिक्षण व पदचाप से हथुआ कॉलेज गुलजार होगा। कॉलेज में वर्ष 2009 में एनसीसी के यूनिट की स्थापना हुई थी। लेकिन वर्ष 2012 में कॉलेज में निर्धारित आयु सीमा के नोडल अधिकारी के रूप में प्राध्यापक नहीं होने के कारण यूनिट को बंद करना पड़ा था। बाद में कॉलेज में 40 वर्ष से कम आयु सीमा के प्राध्यापक की बहाली के बाद कॉलेज में एक बार फिर छह वर्ष बाद एनसीसी की यूनिट शुरू कर दी गयी है। जिससे छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर है।
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