परिवार न्यायालय ने थानाध्यक्ष का वेतन रोका
परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने न्यायालय के आदेश का अनुपालन नही किय जाने पर थानाध्यक्ष का दस दिनों का वेतन की कटौती कर भुगतान करने का आदेश दिया है।आदेश की प्रति पुलिस अधीक्षक को भेजकर अनुपालन करने का आदेश दिया गया है।
न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आवेदिका सुषमा की शादी दरौली थाना के पुनक गांव के निवासी रमेश कुमार प्रसाद से वर्ष 2005 में हिन्दू रीति रिवाज़ से सम्पन्न हुई थी। शादी के एक डेढ़ वर्ष बीतने के बाद आवेदिका के पति एवं उसके परिजनो द्वारा आवेदिका को प्रताड़ित किया जाने लगा और अन्ततःवर्ष 2010 में आवेदिका के पति रमेश कुमार प्रसाद ने पीड़ित को उसके दो अबोध बच्चो रौशन ओर ब्यूटी के साथ घर से निकाल दिया। जिसके बाद पीडिता बच्चो के साथ मायके में रहकर किसी तरह अपना परवरिश करती रही। बाद में सुलह का कोई विकल्प नही मिलने के बाद परिवार न्यायालय में अपनी पति के विरुद्ध भरण पोषण हेतु वाद 84 संन 2016 दर्ज कराई। न्यायालय ने निर्णयोंप्रांत पांच हज़ार रु मासिक गुजारा भत्ता तथा 95 हज़ार रु बकाया के भुगतान का आदेश दिया। आदेश का अनुपालन नही होने पर न्यायालय ने दरौली थानाध्यक्ष को उक्त आदेश का अनुपालन करवाने हेतु निर्देशित किया।लगातार आदेश की अवहेलना करने पर न्यायालय ने संबंधित थानाध्यक्ष के वेतन मद से दस दिनों का वेतन की कटौती कर भुगतान करने का आदेश दिया । न्यायालय ने आदेश की प्रति संबंधित विभाग तथा पुलिसअधीक्षक को भेजकर अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।
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