पति की मौत के बाद सबला बन मिसाल पेश की हथुआ की रीना देवी ने
सुनील कुमार मिश्र , बिहार कथा (हथुआ, Gopalganj )
सड़क हादसे में पति की मौत के शोक को ताकत में बदला
कपड़े की दुकान चला कर रही पांच बच्चों की परवरिश
मदर्स डे पर आज हम बात कर रहे हैं,हथुआ की 37 वर्षीया रीना देवी Ki, जिन्होंने दुश्वारियों की जिंदगी से निकल कर अपने परिवार को संभाला। पति की मौत के शोक को अपनी ताकत बनाया। आज अपनी मेहनत व लगन से पांच बच्चों को बेहतर परवरिश कर रही है। रीना की हंसती खेलती जिंदगी में एक तूफान 22दिसंबर 2014 को तब आया,जब उनके पति संतोष महाजन एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हो गए। पति का महंगा इलाज एक साल तक चलता रहा। कई महंगे ऑपरेशन मस्तिष्क के हुए। जिसमें जमीन,जेवर सब कुछ बिक गए। लगभग 50 लाख रूपए खर्च करने के बावजूद रीना अपने पति को नहीं बचा सकी। अंतत 11अक्टूबर 2015 को संतोष महाजन ने अंतिम सांस ली। रीना की दुनिया उजड़ चुकी थी। सामने था,पति का शोक व बच्चों का भविष्य। लेकिन शोक मनाने के बजाय रीना अपने पांच बच्चों की परवरिश में लग गयी। हथुआ बाजार में स्थित पति के उजड़ चुके दुकान को अपने आत्म बल से संभाल लिया। दुकानदारी की सभी बारीकियों को रीना अब बखूबी समझ चुकी है। रीना की दिनचर्या सुबह आठ बजे शुरू होती है,जो रात आठ बजे खत्म होती है। रीना ने पिछले वर्ष अपनी बड़ी बेटी सोनाली की शादी एक सुयोग्य लड़के से किया। इसके अलावा बेटी सुनिधि,शगुन व शौर्या अभी पढ़ाई कर रही है। एक मात्र बेटा हर्षवर्धन अभी 10वीं का छात्र है। रीना के परिवार में सास सहित एक ननद शीला देवी वननदोई मुन्ना प्रसाद भी रहते हैं। जिनका साथ व प्रोत्साहन रीना को बखूबी मिलता है।
प्रेरणा स्रोत है रीना की जिंदगी
लाख कोशिश करने के बावजूद रीना अपने पति को नहीं बचा सकी। लेकिन इस हादसे ने उन्हें जिंदगी से लड़ना भी सिखा दिया। रीना का मायका फुलवरिया प्रखंड
के कोयलादेवा में हैं। रीना कहती है कि पति की कमी तो जिंदगी भर रहेगी। लेकिन रोने से अच्छा है कि चुनौतियों का सामना साहस के साथ किया जाए।
वाकई में रीना ऐसी कई महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है,जो जीवन की डगर में अकेली पड़ जाती है। उनके पास आजीविका का कोई साधन भी नहीं होता। रीना
ने अपने आत्मशक्ति को पहचान कर खुद को संभाला और संघर्ष का रास्ता अपना कर अपने बच्चों और परिवार को टूटने नहीं दिया।
रीना देवी की मदद को उठे कई हाथ
संघर्ष से लड़ रही रीना की मदद के लिए कई हाथ भी उठे। इंपीरियल पब्लिक स्कूल हथुआ के डायरेक्टर संजय कुंवर ने रीना के इकलौते पुत्र हर्षवर्धन की समूची पढ़ाई लिखाई का खर्च वहन करने की घोषणा किया गया। हर्षवर्धन
इंपीरियल में निशुल्क महंगी शिक्षा ग्रहण कर रहा है। इसके अलावा समाज के कई लोग भी रीना के मदद के लिए आगे आए हैं।
Related News
गरीबी की गहराई से निकलने की आसान सीढ़ी है शिक्षा : सुनीता साह
‘गरीबी की गहराई से निकलने की आसान सीढ़ी है शिक्षा’ हथुआ ब्लॉक में जनसुराज काRead More
वोट की ताकत का दिलाया एहसास
मीरगंज नगर परिषद में चलाया गया जन सुराज जन संपर्क अभियान, वोट की ताकत काRead More
Comments are Closed