सीवान : *हाईटेक तरीके से होगी की मॉनिटरिंग, लांच हुआ मोबाइल ऐप*
पंकज कुमार
सीवान-: राज्य के तमाम सरकारी विद्यालयों की मॉनिटरिंग अब एंड्रॉयड मोबाइल से होगी। इस बावत शिक्षा विभाग ने शनिवार को बिहार इजी स्कूल ट्रैकिंग नाम से एक मोबाइल ऐप लांच कर दिया। बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने पाटलिपुत्र अशोका होटल, पटना में सभी जिले के लगभग 150 शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में 11:00 पूर्वाह्न में इस ऐप का लांच किया। यह ऐप यूनिसेफ के सहयोग से निर्मित है। जिससे बिहार शिक्षा परियोजना सरकारी विद्यालयों से संबंधित सभी गतिविधियों की विधिवत मॉनिटरिंग करेगी। इस डिजिटल तकनीक से प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों का हाईटेक तरीके से रियल टाइम अनुश्रवण किया जाएगा। यह राज्य का पहला मोबाइल ऐप है जो प्रारंभिक विद्यालयों को रियल टाइम अनुश्रवण के फलस्वरुप विद्यालयों की कार्य संस्कृति, कार्य क्षमता व संचालन सुधार करने में मदद करेगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह ऐप शिक्षा, शिक्षक, छात्र व विद्यालय के उत्तरोत्तर विकास के लिए वरदान साबित होगा।
बता दें कि इस कार्यशाला में 4-4 पदाधिकारी हर जिले से शामिल हुए थे। जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी, एक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, एक एमआईएस प्रभारी, सर्व शिक्षा अभियान और एक संकुल संसाधन केन्द्र समन्वयक ने भाग लिया। बतौर सीवान जिले से डीईओ चन्द्रशेखर राय, एमआईएस प्रभारी, सर्व शिक्षा के विक्रांत कुमार, सीवान सदर के बीईओ मो० मोहिउद्दीन व सलेमपुर सीआरसीसी राधेश्याम यादव ने एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में प्रतिभाग किया। मौके पर बिहार शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह सहित विभागीय अन्य शाखा के सभी निदेशक मौजूद थे।
*पदाधिकारियों को मिला प्रशिक्षण*-: ऐप लांच के पश्चात मास्टर ट्रेनरों के द्वारा कार्यशाला में मौजूद सभी विभागीय अधिकारियों को ऐप की विधिवत जानकारी दी गई। साथ ही उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से अवगत कराया गया। प्रशिक्षण के पश्चात पदाधिकारी अपने जिले के सभी विभागीय पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देंगे।
*दुरुस्त होगी व्यवस्था* : यह ऐप संकुल स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के सभी विभाग के पदाधिकारियों के पास मौजूद होगा। बतौर प्रतिदिन शिक्षक व बच्चों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन योजना के संचालन, शौचालयों की स्थिति, विद्यालय परिसर की साफ-सफाई, बेहतर वर्ग संचालन समेत विद्यालय की सम्पूर्ण गतिविधियों पर विभाग पैनी नजर रख सकेगा। इस बावत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में पूर्ण पारदर्शिता लाने में यह ऐप मील का पत्थर साबित होगा।
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