गोपालगंज। : बाढ़ के बाद अब पेड़ के नीचे हो रही बच्चों की पढ़ाई
* एक दर्जन से अधिक विद्यालयों के भवन ध्वस्त हो गए
* एमडीएम भी सुचारू रूप से बन नही पा रहा
* विद्यालयों में पठन पाठन पटरी पर नहीं लौट पाया
गोपालगंज :——- जिले के गंडक नदी के तटबंध टूटने से आई विनाशकारी बाढ़ के दो महीने बीतने के बाद भी अभी भी कई विद्यालयों में पठन पाठन पटरी पर नहीं लौट पाया है। बाढ़ में एक दर्जन से अधिक विद्यालयों के भवन ध्वस्त हो गए थे। अब इन विद्यालयों के बच्चे पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं। खुले आसमान में स्कूल चलने से न तो बच्चे ठीक से पढ़ पा रहे हैं और ना ही एमडीएम भी सुचारू रूप से बन पा रहा है। इसके बाद भी अभी तक बाढ़ में ध्वस्त विद्यालयों के भवन को ठीक करने की दिशा में प्रशासनिक स्तर पर कोई पहल शुरू नहीं हुई है। सारण तटबंध टूटने के बाद बैकुंठपुर प्रखंड भी विनाशकारी बाढ़ के चपेट में आ गया था। हालांकि कुछ दिन बाद बाढ़ का पानी उतरने से जन जीवन पटरी पर लौट आया। लेकिन बाढ़ का असर अभी भी विद्यालयों में नजर आ रहा है। बाढ़ में बंगरा सहित आधा दर्जन विद्यालयों का भवन ध्वस्त हो गया था। अब इन विद्यालयों के बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। बाढ़ का पानी उतने के दो महीनो के बाद भी अभी तक ध्वस्त पड़े विद्यालय भवनों को ठीक कराने की दिशा में पहल नहीं की कई है। इस संबंध में पूछे जाने पर कृतपुरा के संकुल समंवयक अमरेंद्र कुमार साह के बताया कि बंगरा प्राथमिक विद्यालय का भवन ध्वस्त हो गया है। विद्यालय आने जाने के लिए रास्ता भी नहीं है। इस स्कूल के बच्चे स्कूल के बजाय बगल के दलान में पठन पाठन का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी विभाग को दी गई है। हालांकि जानकारी देने के बाद भी अभी तक ध्वस्त विद्यालय भवन को ठीक कराने की दिशा में पहल शुरू नहीं हुई है। बंगरा के साथ प्रखंड क्षेत्र के एक दर्जन और विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चो का भी यही हाल है। किसी विद्यालय का भवन ध्वस्त हो गया है तो किसी में बाढ़ में आई मिट्टी भरा पड़ा है।
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