गोपालगंज : जिस आधार पर पार्टी से चितलाल को निकाला, उस आधार पर तो पूरी गोपालगंज भाजपा खाली जा जाएगी!
कार्यालय संवाददाता
बिहार कथा.गोपालगंज. भाजपा गोपालगंज से हाल ही में निष्काषित चितलाल प्रसाद ने पार्टी के सीनियर नेताओं पर गंभीर आरोप लगाये है. रविवार को शहर के मौनिया चौक स्थित एक होटल में आयोजित बरौली के पूर्व महामंत्री और जिला कार्यसमिति के सदस्य चितलाल प्रसाद ने कहा की वे बाल्याकाल से बीजेपी का कार्य करते चले आ रहे है. जिसका लाभ बरौली के पूर्व मंत्री रामप्रवेश राय को मिलते आ रहा है. वे जबतक पूर्व मंत्री का झोला ढोया. तबतक उनको पार्टी में रखा गया. लेकिन जैसे ही उन्होंने बरौली विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की. तत्काल उन्हें पार्टी से दबंगई से निकाल बाहर किया गया.इस कार्रवाई को भाजपा का वरिष्ठ नेता सुभाष सिंह तोमर ने भी दु:खद बताया है. वैसे विधानसभा चुनाव से पूर्व सुभाष सिंह तोमर ने भी टिकट की दावेदारी की थी और एक बातचीत में बिहार कथा से कहा था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर कार्यकर्ता को टिकट मांगने का हक है. वहीं गोपालगंज भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने बताया कि जिस आरोप पर चितलाल को पार्टी से बेदखल किया है, उस आरोप पर यदि ईमानदारी से कार्रवाई हो तो पूरा गोपालगंज भाजपा ही खाली हो जाएगा. क्योंकि चुनाव से पहले हर महत्वाकांक्षी कार्यकर्ता टिकट की मांग करता है, और पार्टी के घोषित उम्मीदवारों के विरोध की बात सामने आई है. यदि चितलाल ने 2015 चुनाव में रामप्रवेश राय के खिलाफ कार्य किया तो उन्होंने दो साल बाद कार्रवाई क्यों की. अन्य विधानसभा में भी कई लोगों ने पार्टी के घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया था, लेकिन पार्टी ने उनपर कार्रवाई नहीं की.
क्या जनक राम को धमकी दिलवा रहे है पूर्व मंत्री
चितलाल प्रसाद ने पूर्व मंत्री पर और भी कई गंभीर आरोप लगाये है. इस नेता के मुताबिक लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी से बूथ मैनेजमेंट के नाम पर पैसा लिया. लेकिन पैसे का वितरण नहीं किया गया. इसके अलावा भी कई गंभीर आरोप लगाये गए है. चितलाल प्रसाद ने दावा किया है की अभी हाल में स्थानीय सांसद जनक राम को जो धमकी दी जा रही है जो गाली दिया जा रहा है. वह भी पूर्व मंत्री के द्वारा ही दिलाई जा रही है. प्रेस कांफ्रेंस में शामिल बरौली मंडल के महामंत्री अशोक कुमार महतो के मुताबिक बरौली में जो भी हो रहा है. वह पार्टी संगठन के हीत में नहीं है. उन्होंने कहा की चितलाल जी पार्टी में वापस लिया जाए. अगर चितलाल जी को पार्टी में वापस नहीं लिया जायेगा तो बरौली मंडल और गोपालगंज मंडल के सभी नेता सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे.
क्या बनियो का हुआ अपमान
चितलाल प्रसाद पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में मुखिया के प्रत्याशी थी, लेकिन वे बहुत ही बुरी तरह से हारे थे. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि चितलाल 2015 के विधानसभा चुनाव में ही रामप्रवेश राय के खिलाफ काम कर रह थे. पार्टी सूत्रों का यह भी दावा है कि चितलाल का बरौनी विधानसभा में वैश्य समाज के बीच ठीक ठाक पकड है.बरौली में अच्छी खासी संख्या में वैश्य हैं. लेकिन पूर्व मंत्री ने उनकी चुनाव लडने की महत्वाकांक्षा को देखकर पार्टी से बेदखल किया, जबकि इस मामले में कार्रवाई जिला संगठन के माध्यम से होनी चाहिए थी. फिलहाल जिला संगठन ने इस मामले में यह कह कर पल्ला झाड लिया है कि कार्रवाई प्रदेश स्तर से हुई है.
जिलाअध्यक्ष बिनोद सिंह ने कहा—जिला संगठन से कोई लेना देना नहीं
बीजेपी जिलाध्यक्ष बिनोद कुमार से पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा की चितलाल को पार्टी से निष्काषित करने का फैसला प्रदेश महामंत्री प्रमोद कुमार चाद्र्वंशी जी का है. जिला संगठन को निष्कासन से कोई लेना देना नहीं है. जहा तक पूर्व मंत्री के ऊपर लगाये गए आरोपों का है तो उनके द्वारा लगाये गए सभी आरोप बेबुनियाद है.
विवादों में रहे है रामप्रवेश राय, हत्यारे से हमदर्दी जाते पहुंचे थे जेल
ज्ञात हो कि कुछ महीने पहले ही रामप्रवेश राय कई बार विवादों में रहे हैं. पिछले दिनों में वे अपने ही बिरादरी के विधायक अशोक सिंह की हत्या में दोष सिद्ध हो जाने के बाद हजारीबाग के जयप्रकाश नरायाण केंद्रीय कारा में उम्रकैद की सजा काट रहे प्रभुनाथ सिंह कि प्रति हमदर्दी जताने जेल में मुलाकात के लिए गए थे।
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