सिवान : मौक ड्रील के थिरकन से बदला मौसम का मिजाज
जीरादेई :- समृद्ध विरासत के प्रणेता एवं भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेंद्र प्रसाद के पावन जन्मभूमि जीरादेई में बीईओ श्री शमसी अहमद खां के नेतृत्व में आज चौथे दिन मंगलवार को ऐतिहासिक तिसरा मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा जागरूकता दिवस का आयोजन छम-छम सी बुंदाबांदी के बीच बच्चों के हैरतअंगेज कारनामे के साथ धूमधाम से प्रभातफेरी निकालने के साथ शुभारम्भ की गई। इसके पश्चात संतुलित पर्यावरण के लिए प्रखण्डाधीन विभिन्न विद्यालयों में पांच-पांच पौधों का वृक्षारोपण किया गया ।
प्रखण्ड के बलईपुर , नरेंद्रपुर , जामापुर , तितरा , हंसुआ , मियां के भटकन , संजलपुर , सकरा , विष्णुपुरा आदि संकुल के सभी संकुल समन्वयकों ने प्रखंडाधीन सभी विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया कि वे संबंधितों को पूर्व में सौंपी गई जानकारी एवं कार्यक्रमों की रूपरेखा के अनुरूप छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के विशेष मार्गदर्शन में मौक ड्रील का पूर्वाभ्यास कराने में मदद करें ।
मास्टर ट्रेनर श्री राधा मोहन तिवारी , प्रकाश कुमार , बबीता सिंह , अब्दुल माजीद , प्रेम किशोर पाण्डेय , शमशाद अली अंसारी , मिथिलेश प्रसाद , कन्हैया पड़ित , ह्रदयानंद सिंह , पंकज विद्यार्थी एवं आपदा प्रबंधन के सक्रिय कार्यकर्ता वृजमोहन प्रसाद , संदीप प्रसाद , सैयद अंसारी , अबरार आलम ,सुरेश यादव , मनोज यादव, सुधीर शर्मा, रुपेश कुमार राय, हरे राम यादव , सतीश श्रीवास्तव , जीतेन्द्र सिंह , अरविन्द पाण्डेय , मो० रेयाज आदि ने प्रखंडाधीन सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापको एवंं शिक्षकों से सतत् संपर्क बनाए रखे एवं आवश्यकतानुसार अनुभव के आधार पर कार्यक्रमों को शुचारू रूप से संचालित करने में मदद करते रहें । लिपिक श्री विकास सिंह ने विभिन्न विद्यालयों में आयोजित कार्यक्रम को जांचोपरांत जागरूकता दिवस को सफल बताया एवं राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की इच्छा जताई ।
प्रशिक्षण के दौरान नियत कार्यक्रम के तहत विशेष रूप से विद्यालयों में आगजनी एवं भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने हेतु छात्र-छात्राओं को व्यवहारिक ज्ञान के साथ-साथ सामूहिक मौक ड्रील का आयोजन कराया गया । प्राथमिक उपचार प्रशिक्षुओं के मार्गदर्शन में कराया गया । विभिन्न विद्यालयों में अलार्म का प्रयोग किया गया जिसके बजते ही ऐसा लगा कि भूकंप आ गया और सभी बच्चें जान बचा कर कमरे से बाहर भागने लगे । एक मिनट में मानो सभी कमरे खाली हो गए । फिर अलार्म बजा और सभी आराम की मुद्रा में आ गए । फिर सौंपी गई कार्यक्रम एवं स्वरूप के अनुरूप सबों ने बेहतरीन अभिनय का प्रदर्शन किया । यहां भूकंप आने के दौरान कैसे बचाव करें । आपातकालीन स्थिति में बचाव के तरीके सबको मालूम होना चाहिए । संकुल समन्वयक श्री प्रकाश कुमार ने बताया कि झुको , ढ़को और पकड़ो के तर्ज पर लोग भूकंप से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं । इसी प्रकार आगजनी की स्थिति में ढहरो , जमीन पर लेट जाओ और लुढ़के के द्वारा संकटकालीन स्थिति से बचा जा सकता हैं ।
आगामी 5 से 15 जुलाई के बीच विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम यथा सड़क दुघर्टना , बाढ़ , वज्रपात , सर्पदंश , लू , आंधी-तूफान , शीतलहर आदि स्थानीय आपदाओं का प्राथमिक उपचार मौक ड्रील के माध्यम से संचालित किया जाएगा । तत्पश्चात विद्यालय स्तर पर स्लोगन , निबंध , भाषण एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कराया जाएगा ।
हालांकि रिम-झिम वारिस के आंख-मिचौली खेल के बावजूद भी बच्चो का उमंग एवं उत्साह चर्मोत्कर्ष पर था । पल भर के लिए लगा कि मौसम खलनायिका की भूमिका अदा करेंगी परंतु मौक ड्रील के थिरकन से मौसम का मिजाज खुशगवार हो गया । कुछ विद्यालयों को छोड़कर प्रखण्ड के लगभग सभी विद्यालयों में यह कार्यक्रम सफल रहा ।
विद्यालय सुरक्षा जागरूकता पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य प्रखण्ड के सभी शिक्षकों एवं बच्चों के माध्यम से आम जनता को आपदा जोखिम एवं निवारण संबंधित जानकारी उपलब्ध करा कर आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा हेतु जागरूक करना हैं ।
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