गोपालगंज : डीजल अनुदान के लिए आवेदन लेने में फिर जुटा विभाग
* किसानों को नहीं मिला पिछले वर्ष का डीजल अनुदान
* कृषि कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश हैं किसान
*विभाग की उदासीनता से किसानों में आक्रोश
पंचदेवरी(गोपालगंज) – एक बार फिर कृषि विभाग किसानों से मजाक करने के मूड में है। विभाग सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में डीजल अनुदान के लिए राशि स्वीकृत कर लेने की बात कर रहा है। इसके लिए किसानों से आवेदन लेने की तैयारी में भी विभाग जुट गया है। लेकिन, पिछले वर्ष का डीजल अनुदान ही किसानों को अभी तक नहीं मिल सका है। ऐसे में सवाल यह है कि विभाग किसानों का सहयोग कर रहा है या फिर मजाक। किसान एक साल से कृषि कार्यालय एवं बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन, कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं है। इस रवैये से किसानों में विभाग के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है। इस साल विभाग द्वारा मई में ही खरीफ अभियान का आगाज कर दिया गया। 15 जून के बाद बीज वितरण का कार्य शुरू किया गया। अब किसानों को इस वित्तीय वर्ष में फिर डीजल अनुदान देने की बात विभाग कर रहा है और उधर वित्तीय वर्ष 2016-17 में अनुदान के लिए आवंटित राशि का पता नहीं है। ऐसे में किसानों का आक्रोशित होना भी लाजिमी है। विभाग किसानों की समस्या को कभी भी गंभीरता से नहीं लेता। हालांकि इन गलतियों का खामियाजा खरीफ अभियान में कृषि विभाग भुगत रहा है। काफी प्रयास के बावजूद विभाग अपने लक्ष्य से कोसों दूर है। खरीफ अभियान का लक्ष्य पूरा करना विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। प्रकृति की कहर के साथ-साथ कृषि विभाग की लापरवाही की मार झेल रहे किसान विभाग के काफी प्रयास के बावजूद कृषि संबंधित योजनाओं में रूचि नहीं ले रहे हैं। जिसका नतीजा यह है कि विभाग को लक्ष्य प्राप्ति के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डीजल अनुदान, फसल क्षतिपूर्ति, बीज अनुदान के साथ-साथ कृषि संबंधित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ समय से किसानों को नहीं मिल रहा है। इसका जिम्मेवार विभाग नहीं तो आखिर कौन है। इधर, फिर डीजल अनुदान के लिए आवेदन लिए जाने की सूचना से किसान विभाग पर उदासीनता का आरोप लगा रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र के किसानों का कहना है कि विभाग की लापरवाही के कारण ही समय से सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
क्या कहते है अधिकारी
डीएओ गोपालगंज सुरेश प्रसाद का कहना है कि पिछले वर्ष की राशि प्रखंड को बहुत पहले आवंटित कर दी गयी थी। यदि किसानों को अभी तक राशि नहीं मिली है, तो इसकी जाँच की जायेगी। अति शीघ्र किसानों को राशि उपलब्ध करायी जायेगी।
क्या कहते है किसान
**** सतेंद्र राय का कहना है कि कृषि विभाग की लापरवाही का खामियाजा हर साल किसानों को भुगतान पड़ रहा है। कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ समय से किसानों को नहीं मिल पा रहा है।
**** अशोक प्रसाद गुप्ता का कहना है कि विभाग किसानों की समस्या को कभी भी गंभीरता से नहीं लेता है। कभी डीजल अनुदान, कभी बीज अनुदान तो कभी फसल क्षतिपूर्ति के लिए किसानों को परेशान किया जाता है। यदि विभाग इस रवैये में सुधार नहीं करता है तो किसान चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।
**** अवधेश प्रसाद यादव का कहना है कि पिछले वर्ष की डीजल अनुदान की राशि अभी तक किसानों को नहीं मिल रही है। किसान कृषि कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं। इस साल फिर विभाग डीजल अनुदान के लिए आवेदन मांगकर किसानों के साथ मजाक कर रहा है।
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