गोपालगंज में कौन बनेगा भजयुमो का जिला अध्यक्ष?
कार्यालय संवाददाता.
बिहार कथा. गोपालगंज. यूपी फतह और देश के चार राज्यों की नई नवेली सरकार बनने से भाजपा उत्साह से लवरेज हैं. इसके बाद भाजपा की दूसरी पीढ़ी के संगठन भारतीय जनता युवा मोर्चा (भजयुमो) की टीम घोषित की गई. इसके तुरंत बाद भाजपा की प्रदेश स्तर की टीम भी घोषित हो गई. दोंनों में काफी कुछ बदला-बदला सा हाल है. प्रदेश की पार्टी ईकाई में सुशील मोदी और नंद किशोर यादव के करीब नब्बे फीसदी लोग बाहर हो गए हैं. नए लोगों को जिस तरह से तरजीह दी गई है, उम्मीद है कि गोपालंज में बनने वाली भाजपा की नई टीम में ऐसा की कुछ असर दिखेगा. नए लोगों को मौका मिलेगा. फिलहाल गोपालगंज के भाजपा युवा कार्यकर्ताओं में भजयुमो के जिला ईकाई को लेकर उत्सुकता है. इसकी रेस में चंद्रमोहन पांडेय, उपेंद्र सिंह, मनोज दुबे हैं, इसके साथ ही एक पिछड़ी जाति के चेहरे को लेकर भी कयास लगाया जा रहा है. सक्रियता और संबंधों के पैमाने पर देखा जाए तो चंद्रमोहन पांडे का पलड़ा भारी है, लेकिन बिनोद सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद जिला महासिचव का पदभारत रवि प्रकाश मणि त्रिपाठी के पास है, लिहाजा भजयुमो जैसे महत्वपूर्ण संगठन पर यदि पार्टी फिर किसी ब्राह्मण चेहरे को बैठती है तो जिले में भाजपा का राजनीतिक समीकरण का दांव असंतुलित हो सकता है. किसी दलित को नेतृत्व देने की दूर-दूर तक गुंजाइश नहीं है. पिछड़े वर्ग में कोई प्रभावी चेहरा भी नहीं दिख रहा है.
इससे पूर्व भी युवा मोर्चा का नेतृत्व लखन तिवारी के पास रहा है, लेकिन उनके कार्यकाल में भाजपा गोपालगंज विधानसभा में युवाओं को बहुत ही मजबूती से जोड़ने में असफल रही. जिसका असर विधानसभा चुनाव में देखने को मिला. लिहाजा संभावना बनती है कि इस बार गोपालगंज जिले में भजयुमो का ताज किसी गैर ब्राह्मण के सिर चढ़े तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
पिछले जिला अध्यक्ष ब्रह्मादनंद राय के कार्यकाल में पार्टी के कई पमुख पदों पर भूमिहार समाज के प्रमुखता मिली थी, लेकिन इस बार इसी समाज के अध्यक्ष होने से स्थिति बदली हुई है. कई भूमिहार नेताओं की यह शिकायत है कि बिनोद कुमार सिंह के कार्यकाल में भूमिहार उपेक्षित हो रहे हैं. वहीं कुछ उभरते युवा नेताओं में इस बात की उम्मीद है कि उन्हें पार्टी प्लेटफार्म पर काम का मौका मिले. लेकिन इनमें से कई ऐसे हैं जो पद तो चाहते हैं, लेकिन पार्टी स्तर पर नेटवर्किंग में मजबूत नहीं हैं.वहीं जिला अध्यक्ष बिनोद कुमार सिंह का कहना है कि जिला स्तर पर नामों की सूची प्रदेश नेतृत्व को भेजा जाता है, फिर उन्हीं में से एक नाम पर अंतिम रूप से मुहर लगती है. मोर्चा और प्रकोष्ट के नामों पर विचार हो रहा है। जल्द ही इसकी घोषणा होने वाली है.
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