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बुधनमा अब दलित नहीं रहा

– नवल किशोर कुमार परिवर्तन संसार का नियम है। इसे सभी स्वीकारते हैं। चाहे वे किसी भी वाद के झंडा ढोने वाले क्यों न हों। लोकतंत्र भी इसी विश्वास पर आधारित है कि सत्ता का हस्तांतरण क्रमवार होते रहने से गतिशीलता भी बनी रहेगी और प्रतिनिधित्व के सवाल भी हल होते रहेंगे। भारतीय समाज में पहले ऐसा नहीं होता था। उच्च जातियों के लोगों की सत्ता बनी रहती थी। आज भी है लेकिन इसका स्वरूप बदला है। बुधनमा भी बदल गया है। हालांकि आज उसकी जाति दलित है, लेकिन वहRead More
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के भाई ने अपने सम्मान में खडे नहीं होने पर दुकानदार को पीटा, वीडियो वायरल

बेतिया : बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु देवी के भाई द्वारा दुकानदार की पिटाई का वीडियो वायरल होने के मामले में पूर्व मंत्री रेणु देवी ने कहा है कि ‘मेरे भाई से मेरा कोई लेना-देना नहीं है. मेरा नाम इस मामले में उछालना गलत है.’ साथ ही उन्होंने कहा है कि ‘दोषी पर कार्रवाई हो. ‘दुकानदार से मारपीट का वीडियो वायरल होने की खबर आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पिनू की फॉर्न्यूचर गाड़ी को जब्त कर लिया है. साथ ही पावर हाउस स्थित उनके आवास पर एसडीपीओRead More
पढ लिजीए; राहुल गांधी के इस घोषणा का समर्थन इसलिए है जरूरी

संजय तिवारी, नई दिल्ली।मैं राहुल गांधी की इस घोषणा का पूर्ण समर्थन करता हूं कि सरकार बनाने के बाद वो ७२ हजार रूपये हर साल गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करनेवाले हर परिवार को देंगे। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उनके अपने तर्क होंगे, मजबूरियां होंगी लेकिन इस घोषणा का समर्थन करना जरूरी है। हम जिस अर्थव्यवस्था में जी रहे हैं उसमें राष्ट्र लगातार मजबूत होता जाएगा लेकिन एक वर्ग को छोड़कर बाकी लोग गरीब और अवसरहीन होंगे। अवसरहीनता का असर आज भी दिखना शुरु हो गयाRead More
सरकारों को हिलाने का दम अब अब किसके पास!!! यहां है!!

दिलीप सी मंडल अब देश में 600 से ज्यादा न्यूज चैनल, सवा लाख से ज्यादा पत्र-पत्रिकाएं और और दसियों लाख वेबसाइट और यूट्यूब चैनल हैं. यहां किसने क्या लिखा-बोला का ज्यादा मतलब नहीं होता. यहां बहुत शोर है. टुच्चों का दौर है. असरदार होना अब आसान नहीं है. आपकी सबसे शानदार खबर दो घंटे बाद बर्फ सी ठंडी हो चुकी होती है. किसी बड़े पत्रकार जितना असर तो सोशल मीडिया का एक बच्चा भी पैदा कर लेता है. एक शानदार पोस्टर बना कर या एक वीडियो डालकर या एक स्लोगनRead More
चौरी-चौरा: एक बहुजन बगावत, जिससे गांधी घबरा उठे थे!

चौरी-चौरा गरीबों और निम्नवर्णीय किसानों-मजदूरों का विद्रोह था, जिसके निशाने पर अंग्रेज बेशक थे, लेकिन ये विद्रोह गांधी और कांग्रेस की जमींदारपरस्त नीतियों के खिलाफ भी था. सिद्धार्थ 4 फरवरी 1922 की चौरी-चौरा की घटना न केवल भारतीय इतिहास, बल्कि विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है. चौरी-चौरा के डुमरी खुर्द के लाल मुहम्मद, बिकरम अहीर, नजर अली, भगवान अहीर और अब्दुल्ला के नेतृत्व में किसानों ने ज़मींदारों और ब्रिटिश सत्ता के प्रतीक चौरी-चौरा थाने को फूंक दिया. इसमें अंग्रेज़ी सरकार के 23 सिपाही मारे गए.आधुनिक भारत का इतिहास चौरी-चौरा केRead More
ज्यादा बुरा कौन? फेक वेबसाइट्स या चैनल-अखबार?

बेहतर क्या? बल्कि ज्यादा बुरा कौन? फेक वेबसाइट्स या चैनल-अखबार? बहुजनों, एससी-एसटी-ओबीसी-माइनॉरिटी के लिए क्या फेक न्यूज और क्या असली न्यूज. जैसे फेक वेब साइट वैसे ही चैनल और अखबार. दोनों ब्राह्मण-बनियों के कंट्रोल में हैं. फेक न्यूज साइटों से ज्यादा नुकसान तो चैनल और अखबार करते हैं जो दावा करते हैं कि उनकी खबरें सही होती हैं. मंडल कमीशन के खिलाफ राममंदिर का पूरा आंदोलन फर्जी साइट्स ने नहीं, अखबारों और चैनलों ने चलाया. आरक्षण के खिलाफ माहौल अखबार और चैनल बनाते हैं. दंगे चैनल और अखबार कराते हैं.Read More
सोशल मीडिया को लेकर भारत में तीन समस्याएं

Dilip C Mandal सोशल मीडिया को लेकर भारत में तीन ऐसी समस्याएं हैं, जिन्हें दुनिया में कहीं भी समस्या नहीं माना जाता। 1. हाय, मैं ट्रोल हो गया या मुझे ट्रोल किया गया। 2. हाय, लोगों ने मुझे गाली दे दी या धमकी दे दी। 3. हाय, मुझे लोग टैग कर करके परेशान कर देते हैं। ये दरअसल कोई समस्या नहीं है। टैग को अगर आप फ़िल्टर नहीं कर पाते तो यह आपका तकनीकी अज्ञान है। किसी बच्चे से पूछ लीजिए। वह बता देगा कि टैग आपकी टाइमलाइन पर आपकेRead More
‘हिंदी दिवस’ का कर्मकांड ?

ध्रुव गुप्त आज हिंदी दिवस है। हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रति अश्रु-विगलित भावुकता का दिन। हर सरकारी या गैर सरकारी मंच से हिंदी की प्रशस्तियां गाई जाएंगी, लेकिन जिन कमियों की वज़ह से हिंदी आजतक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना अपेक्षित गौरव हासिल नहीं कर पाई है, उनकी बात कोई नहीं करेगा। हिंदी कल भी भावनाओं की भाषा थी, आज भी भावनाओं की ही भाषा है ! आज के वैज्ञानिक और अर्थ-युग में किसी भी भाषा का सम्मान उसे बोलने वालों की संख्या और उसका साहित्य नहीं, विज्ञान कोRead More
बिहार में मुखिया, उप मुखिया अब मंत्री केआदेश पर ही होंगे बर्खास्त

कुंदन कुमार, मुजफ्फरपुर. विभिन्न तरह के आरोपों में विभागीय कार्रवाई की मार झेल रहे मुखिया व उपमुखिया के लिए बड़ी खबर है। राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए मुखिया व उपमुखिया पर कार्रवाई शुरू करने और कार्रवाई के अंत में बर्खास्त करने के लिए विभागीय मंत्री का अनुमोदन अनिवार्य कर दिया है। सरकार के इस निर्णय से मुखिया संघ भी खुद को असहज महसूस कर रहा है। संघ का कहना है कि अब कार्रवाई में सरकार के पक्ष के लोगों का बचाव किया जाएगा और विरोधियों को निशाना बनाया जाRead More
छठिहार महोत्सव : कान्हा की भक्ति में डूबा हथुआ शहर

सुनील कुमार मिश्र (हथुआ) स्थानीय गोपाल मंदिर में पारंपरिक छठिहार महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शनिवार की रात मंदिर पहुंच कर श्रद्धा व विश्वास के साथ पूजा अर्चना किया और देर रात तक भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया। कार्यक्रम को लेकर हथुआ की सड़कें रात भर गुलजार रही। महोत्सव का उद्घाटन हथुआ राज परिवार की महारानी पूनम साही व युवरानी विदिशा साही ने दीप प्रज्जवलित कर किया। मुख्य पुजारी आशुतोष तिवारी के नेतृत्व में पूजा अर्चना की गयी। उसके बाद इंपीरियल पब्लिक स्कूलRead More