indian socity

 
 

दुनिया में एक ईमानदार और ताकतवर इंसान एक साथ नहीं मिला

यह देश क्या ऐसे ही चलेगा? पुष्यमित्र हम रघुवर दास को चुनाव में हरा कर खुश हो जाएंगे और हेमन्त सोरेन के व्यक्तित्व में खूबियाँ तलाशने लगेंगे। हम कहने लगेंगे बन्दा बहुत सहज है, अपना जैसा लगता है। रघुवर दास जैसा एरोगेंट नहीं है, जो अपने कार्यकर्ताओं तक को नहीं तरजीह देता था। हम नीतीश को हरा देंगे और फिर तेजस्वी को सत्ता दे देंगे। मोदी को हरा कर राहुल को ले आएंगे। फिर एक रोज समझ आएगा कि ये लोग ढीले हैं, भ्रष्टाचार को तरजीह देने वाले हैं औरRead More


अंत का आरम्भ ?

ध्रुव गुप्त आपसी सहमति से बनाया गया विवाहेतर यौन-संबंध अब अपराध नहीं रहा। न विवाहिता स्त्री के लिए, न विवाहित पुरुष के लिए। महिलाओं के हित में संशोधन की जगह भारतीय दंड विधान की धारा 497 की समाप्ति का सुप्रीम कोर्ट का आदेश वैयक्तिक स्वतंत्रता, लैंगिक समानता और समाज की सोच में आए बदलाव की दृष्टि से प्रगतिशील फैसला जरूर लगता है, लेकिन इस फैसले का एक ऐसा भी पक्ष है जिसके बारे में विचार करना न्यायालय को शायद जरुरी नहीं लगा। क्या हमारा समाज सोच के उस स्तर तकRead More


Share
Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com