हिंदी मीडियम में दम है। मगर हममें कितना दम है? बालेंदु शर्मा दाधिच मित्रो, हिंदी के जरिए सफलता प्राप्त करने के बाद आज मुझे लगता है कि मुझ जैसे लोगोंRead More
आज देश को कबीर के विचारों की ज्यादा जरूरत Shambhu Bhadra कार्ल मार्क्स ने कहा था धर्म हफीम है। आज भारत उसी हफीम के नशे में है। चाहे हिंदू होRead More
जार्ज के जन्म दिन के अवसर पर …………………………………… जान हथेली पर लेकर इमरजेंसी का मुकाबला किया था जार्ज फर्नांडिस ने ……………………………………………… –सुरेंद्र किशोर– …………………………………………….. इमरजंेसी में मशहूर साप्ताहिक पत्रिका ‘न्यूजवीक’Read More
खत्म हुआ भ्रष्टाचार की अनदेखी का दौर ………………………………………………. भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को तेज करते हुए मोदी सरकार को वोहरा कमेटी की सिफारिशों को अंजाम तक पहुंचाना चाहिए …………………………………… सुरेंद्रRead More
जवाब है सिर्फ संविधान ! देख आइए’अनेक’ रुचिर गर्ग जिस समय देश में एक विचारधारा दिल्ली में बैठ कर संविधान पर हमले कर रही हो,उस समय एक फिल्म है जोRead More
देह का धंधा, गलीज गंदा संजय तिवारी देशभर की पुलिस के रूटीन काम में एक काम ये भी होता था कि वो किसी होटल या लॉज में छापा मारती हैRead More
पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की श्रद्धांजलि.. अध्यक्ष महोदय, एक सपना था जो अधूरा रह गया, एक गीत था जो गूँगा हो गया, एकRead More
डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ सृष्टि की उत्पत्ति से, सृजन की वेदिका से, अक्ष के केन्द्र से, धर्म के आचरण से, कर्म की प्रधानता से, कृष के आकर्षण से, सनातन के सत्य से , चेतन के अवचेतन से, जो ऊर्जा का ऊर्ध्वाधर प्रभावRead More
डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ भाषा और भारत के प्रतिनिधित्व के सिद्धांत में हिन्दी के योगदान को सदा से सम्मिलित किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा, किन्तु वर्तमान समय उस योगदान कोRead More
प्रो. राजेन्द्र प्रसाद सिंह, अंग्रेजी में मूल शब्द दस हजार हैं और आज साढ़े सात लाख पहुंच गए हैं, यानी कि सात लाख चालीस हजार शब्द बाहर से आए. इसकाRead More